अगले 24 घंटों में इन 10 जिलों में आकाशीय बिजली गिरने के साथ होगी मूसलाधार बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

नवरात्रि के आगाज के साथ ही एक बार फिर से मानसून के एक्टिव होने के आसार दिखाई दे रहे हैं। दरअसल अक्टूबर महीने के दूसरे सप्ताह के बाद से फेस्टीव सीजन प्रारंभ होने जा रहा है। वहीं इतवार से शारदीय नवरात्रों का आगाज होने जा रहा हैं, उसके इर्द गिर्द देश के विभिन्न क्षेत्रों में वर्षा की एंट्री भी प्रारंभ हो जाएगी। जहां सबसे पहले उत्तरी भारत में पश्चिमी विक्षोभ अपना जोरदार प्रभाव दिखाने वाला हैं। वहीं एक सक्रिय वेस्टर्न डिस्टर्बेंस हिमालय की तरफ 14 अक्टूबर को जाग्रत हो उठेगा जिसकी वज़ह से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वर्षा होने की आशंका जताई जा रही है।

15 अक्टूबर से वर्षा

यहां दिल्ली सहित उत्तर और उत्तर पश्चिम भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में 15 अक्टूबर यानी नवरात्रों के फर्स्ट दिन बरसात प्रारंभ हो जाएगी और इसका प्रभाव 17 अक्टूबर तक बने रहने की आशा जताई गई है। इस वर्षा की वज़ह से ना केवल सर्दी की गति इन जगहों पर तीव्र होगी बल्कि पॉल्यूशन से भी कुछ दिनों थोड़ा ही सही पर रिलीफ जरूर मिलेगा।

17 से 20 अक्टूबर के दौरान एक्टिव होंगे दो चक्रवात तंत्र

इन दिनों जैसे ही पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव उत्तरी इंडिया से कम होगा, वैसे ही दो साइक्लोन यानी चक्रवातीय तंत्र देश के तटीय क्षेत्रों में एक्टिव हो जाएंगे। मौसम कार्यालय ने नेक्स्ट दो सप्ताह का जो अनुमान बरकरार किया गया है, जिसमें इस बात की कंफर्मेशन की गई है। जहां भिन्न-भिन्न सिस्टम का अध्ययन इस बात की तरफ इंडिकेट कर रहा है कि तकरीबन एक साथ ही वेस्टर्न डिस्टरबेंस की तरफ अरब सागर और पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी में दो साइक्लोनिक तंत्र आएंगे। इन दोनों तंत्रों के बनने की आशंका आगामी सप्ताह के मध्य में हैं मतलब 17 अक्टूबर से लेकर 20 अक्टूबर के मध्य इन दोनों चक्रवातीय तंत्र के सक्रिय हो सकता है।

उत्तर भारत के अधिकांश क्षेत्रों से मानसून की रवानगी

अरब सागर में उत्पन्न होने वाले तंत्र की वज़ह से आस पड़ोस के क्षेत्रों में एक कम नमी का इलाका बनने वाला हैं। ये लो प्रेशर एरिया 20 अक्टूबर के करीब करीब बनने की बात कही जा रही है लेकिन मौसम कार्यालय की मानें तो इस तंत्र के बदलने की आशंका काफी कम बताई जा रही है। वहीं, दूसरा चक्रवातीय सिस्टम भी 17 अक्टूबर से 20 अक्टूबर के मध्य बंगाल की खाड़ी में बनेगा। दक्षिण और मध्य बंगाल की खाड़ी से प्रारंभ होने वाला ये तंत्र पश्चिम दिशा में बढ़कर उत्तरी तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के क्षेत्रों में वर्षा कर सकता है। हालांकि मौसम डिपार्टमेंट का मानना है कि इसके भी डिप्रेशन में बदलने की आशंका जताई गई हैं। उत्तर भारत के अधिकांश जगहों से वर्षा की वापसी हो चुकी है। आगामी कुछ दिनों में बिहार, झारखंड सहित कुछ और भागों से मानसून फिर से जागेगा।