स्वतंत्र समय, ललितपुर
किसानों की हितैषी सरकार होने के बावजूद भी उनके अधिकारों का हनन किस प्रकार किया जा रहा है। यह देखना है तो ललितपुर की गल्ला मण्डी में सहज रूप से देखा जा सकता है। यहां न तो प्रशासन का हस्तक्षेप है और न ही किसी जनप्रतिनिधि को यहां की सुध लेने में रूचि। गल्ला मण्डी में व्यापारियों और अधिकारियों का गठजोड़ इतना मजबूत है कि किसानों के अधिकारों को रौंदा जा रहा है। यह नजारा गुरूवार को खूब देखने को मिला, जहां किसानों की फसल रखने के लिए बनाये गये नीलामी चबूतरों पर व्यापारियों का खाद्यान्न तालाबंद करके रखा गया, लेकिन किसानों द्वारा बेचने को लायी गयी सामग्री बारिश के पानी में बह गयी। किसान आंखों में आंसू लिये खड़ा यह तमाशा देखता ही रह गया, जबकि व्यापारी अधिकारियों के अवैध संरक्षण में अन्य संसाधन होने के बावजूद भी अपने खाद्यान्न को सुरक्षित रखे हुये हैं। गौरतलब है कि शुक्रवार को मावट (बारिश) काफी तेज पड़ी। करीब एक घण्टे से अधिक समय तक हुयी बारिश के कारण किसान द्वारा लायी गयी मंूगफली के अलावा अन्य खाद्यान्न पानी की तेज धारा में बह गया। जबकि व्यापारियों द्वारा किसानों के लिए बनाये गये नीलामी चबूतरों पर अवैध तरीके से कब्जा करके अपना खाद्यान्न रखकर चारों ओर से जालियां लगाकर तालाबंदी कर अवैध कब्जा कर रखा है। ऐसे में किसानों की समस्याओं को सुनने के लिए न तो किसी जनप्रतिनिधि को रूचि है और न ही किसी अधिकारी को। किसान कभी कर्ज, कभी अतिवृष्टि, कभी ओलावृष्टि से जूझता हुआ जैसे-तैसे अपनी फसल को तैयार कर लेता है, लेकिन मण्डी में आकर इस प्रकार के हालात देखकर किसान अपने किसान होने पर ही अफसोस जाहिर करता नजर आता है। ऐसे में किसानों ने जिम्मेवार अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों व शासन से नीलामी चबूतरों से अवैध कब्जे हटाये जाकर किसानों को सहूलियत मुहैया कराये जाने की गुहार लगायी है।