आचार संहिता को लेकर सख्ती: अब जनसुनवाई नहीं होगी, इधर… दो कलेक्टर और दो एसपी हटाए

स्वतंत्र समय, भोपाल

विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही आचार संहिता लागू हो गई है। इसे ध्यान में रखते हुए सामान्य प्रशासन विभाग ने जनसुनवाई पर रोक लगा दी है। अब आचार संहिता के प्रभावी रहने तक जनसुनवाई नहीं होगी। इस बारे में सभी विभागाध्यक्षों के साथ कमिश्नर और कलेक्टरों को आचार संहिता का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में कलेक्टर कार्यालय से लेकर अन्य विभागाध्यक्ष कार्यालयों में प्रति सप्ताह जनसुनवाई की व्यवस्था है। इसमें फरियादी अपनी शिकायत लेकर पहुंचते हैं और मौके पर ही उसका यथासंभव निराकरण किया जाता है। चूंकि, अब विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई है, इसलिए इस पर रोक लगा दी गई है। आचार संहिता से छूट के लिए जो प्रस्ताव चुनाव आयोग को भेजे जाने हैं, वे विभाग द्वारा सीधे नहीं भेजे जाएंगे। इसका परीक्षण पहले मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति करेगी और यदि छूट लेने का आवश्यक है तो फिर समिति की अनुशंसा के साथ प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसमें औचित्य भी बताना होगा। समिति का सदस्य सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव और जिस विभाग का प्रस्ताव है, उसके अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव सदस्य होंगे।

आयोग के कहने पर दो एसपी और दो कलेक्टर के तबादले

राज्य शासन ने भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर बुधवार को आदेश जारी कर दो जिलों के कलेक्टर्स और दो जिलों के एसपी के तबादले कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार यह तबादले चुनाव आयोग को विभिन्न स्तरों पर मिली शिकायतों के अनुक्रम में किए गए हैं।  सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश में शिवराज सिंह वर्मा कलेक्टर खरगोन व नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी कलेक्टर रतलाम को मंत्रालय में उप सचिव के पद पर पदस्थ किया गया है। इसी प्रकार गृह विभाग द्वारा जारी आदेश में जबलपुर और भिंड के पुलिस अधीक्षकों को हटाते हुए पुलिस मुख्यालय में पदस्थ किया है। उनके स्थान पर जिलों में अभी किसी की पदस्थापना के आदेश नहीं आए हैं। गृह विभाग द्वारा जारी आदेश में तुषारकांत विद्यार्थी पुलिस अधीक्षक जबलपुर एवं मनीष कुमार खत्री पुलिस अधीक्षक भिंड को सहायक पुलिस महानिरीक्षक मुख्यालय भोपाल के पद पर पदस्थ किया गया है।