आचार संहिता लगने से पहले आयोग पहुंच रहीं शिकायतें, नेता प्रतिपक्ष सिंह बोले, अफसरों के तबादलों पर रोक लगाएं

  • भाजपा बोली, कांग्रेस विधायक के आईपीएस भाई को हटाएं
  • तबादलों को लेकर भाजपा और कांग्रेस में ठनी
  • भाजपा ने कांग्रेस विधायक  कुणाल चौधरी के भाई हितेष के चुनावी कार्य में से हटाने का मांग
  • एसडीएम से लेकर तहसीलदार समेत मैदानी अधिकारियों के हो रहे तबादले

स्वतंत्र समय, भोपाल

मप्र विधानसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे ही भाजपा और कांग्रेस में बयानबाजी बढ़ती जा रही है और निर्वाचन आयोग में एक दूसरे के खिलाफ शिकायतों का दौर जारी है। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले सरकार द्वारा किए जा रहे तबादलों को लेकर कांग्रेस और भाजपा कांग्रेस विधायकों और परिजनों को लेकर आयोग से शिकायत में जुट गई हैं। लगभग प्रतिदिन अलग-अलग संवर्ग के अधिकारियों के तबादले किए जा रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह ने भी आयोग से शिकायत करके तबादलों पर रोक लगाने की मांग की है। भाजपा पदाधिकारियों ने कालापीपल से कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी के भाई हितेष चौधरी को चुनावी कार्य में संलग्न किए जाने पर आपत्ति जताते हुए उन्हें हटाने की मांग की है। आइपीएस हितेष चौधरी वर्तमान में एसपी रेल भोपाल है। विभागों में एसडीएम से लेकर तहसीलदार और तमाम विभागों के मैदानी अधिकारियों के तबादले किए जा रहे हैं। बता दें कि अगले सप्ताह कभी भी विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लग सकती है। सी-विजिल एप से भी आचारसंहिता के उल्लंघन पर नजर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सी-विजिल एप से आचार संहिता के उल्लंघन पर नजर रखी जाएगी। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मध्य प्रदेश विधानसभा निर्वाचन-2023 में चुनाव संबंधी शिकायतों के त्वरित एवं प्रभावी निराकरण के लिए सी-विजिल मोबाइल एप तैयार करवाया गया है। इसके माध्यम से कोई भी नागरिक आचार संहिता के उल्लंघन संबंधी किसी भी घटना का फोटो-वीडियो तैयार कर अपनी शिकायत भेज सकता है। 100 मिनट के अंदर शिकायत का निराकरण किया जाएगा। इस एप पर कोई भी नागरिक घटनास्थल से 20 मीटर के अंदर से ली गई फोटो अपलोड कर सकता है। वर्ष 2018 में हुए विधानसभा निर्वाचन में सी-विजिल एप के माध्यम से 3,990 शिकायतें हुई थी। इसी तरह लोकसभा निर्वाचन 2019 में 16,472 शिकायतें हुई थी।