इंदौर में ईशा आत्महत्या मामले में टीचर को जमानत नहीं, जमानत देना गुरु-शिष्य परंपरा का अपमान – हाईकोर्ट

इंदौर : इंदौर में एक स्टूडेंट की आत्महत्या केस में हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है। जिसमें कोर्ट ने 16 साल बड़े प्रेमी टीचर को आरोपी माना मानते हुए। जमानत नहीं देने का फैसला सुनाया है। इस मामले में जज ने गुरू-शिष्य के बीच के संबंधों का भी जिक्र किया है।

टीचर की जमानत पर आपत्ति

ईशा के परिवार की ओर से टीचर की जमानत पर आपत्ति आई है, जिसके दौरान उनके वकील ने कई तथ्य हाईकोर्ट के सामने रखे हैं। जमानत के खिलाफ खड़े होने वाले वकील भी मामले में जुटे हैं। अदालत ने इस मामले में पुलिस के अनुसंधान को भी सवालित किया है, क्योंकि पुलिस ने मामले की गहरी जांच नहीं की है। पुलिस की जांच में कई महत्वपूर्ण साक्ष्य अंतिम प्रतिवेदन में नहीं शामिल किए गए हैं। विशेषज्ञ वकीलों का कहना है कि इस मामले में अदालत ने उचित अनुसंधान की जरूरत है।

इस मामले में इमली बाजार में रहने वाली ईशा जैन (26) ने आत्महत्या कर ली थी, और आरोपी टीचर संदीप तोमर (42) पर उसकी मौत के बाद आरोप लगाया गया था। मामले में दोनों के बीच के आपसी संबंधों का भी जिक्र है।