उद्धव को झटका, शिंदे गुट ही असली शिवसेना

स्वतंत्र समय, मुंबई

महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने असली पार्टी लेकर उद्धव ठाकरे की दलीलें खारिज कर दीं है। विधायकों की अयोग्यता पर फैसला सुनाते हुए उन्होंने कहा कि जब बागी गुट बना उस वक्त शिंदे गुट ही असली शिवसेना था। 22 जून के मुताबिक शिंदे गुट ही असली शिवसेना के रूप में मान्य है। स्पीकर के इस फैसले से उद्धव गुट को बड़ा झटका लगा है।
शिंदे नियमानुसार

पार्टी के नेता बने

स्पीकर राहुुल नार्वेकर ने विधायकों की अयोग्यता की याचिका खारिज कर दी। इस पर फैसला सुनाते हुए उन्होंने कहा कि जब पार्टी में बंटवारा हुआ था उस समय शिंदे के समर्थन में 37 विधायक थे। उन्होंने यह भी कहा कि एकनाथ शिंदे नियमानुसार पार्टी के नेता बने। 21 जून को ही एकनाथ शिंदे पार्टी के नेता बन गए थे। इसके साथ ही स्पीकर ने भरत गोगावले की व्हिप के रूप में नियुक्ति को वैध ठहराया है।

ईसी के रिकॉर्ड में शिंदे गुट असली शिवसेना

महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि मैंने चुनाव आयोग के फैसले को ध्यान में रखा है। चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में भी असली शिवसेना शिंदे गुट ही है। उन्होंने फैसला सुनाते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने भी शिंदे गुट को ही असली शिवसेना कहा है।
ईसी को सौंपे गए संविधान पर कोई आम सहमति नहीं
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि दोनों गुट द्वारा चुनाव आयोग को सौंपे गए संविधान पर कोई आम सहमति नहीं है। नेतृत्व संरचना पर दोनों पार्टियों के विचार अलग-अलग हैं। विवाद से पहले मौजूद नेतृत्व को ध्यान में रखते हुए मुझे प्रासंगिक संविधान तय करना होगा। उन्होंने कहा कि 2018 का संशोधित संविधान चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं है। शिवसेना का 1999 का संविधान ही मान्य है। चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में भी शिंदे गुठ ही असली शिवसेना है।

दोनों ही गुट असली शिवसेना का दावा कर रहे

16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला सुनाते हुए विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि शिवसेना का 1999 का संविधान की सर्वोपरि है। हम उनका 2018 का संशोधित संविधान स्वीकार नहीं कर सकते। यह संसोधन चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं है। उन्होंने इस दौरान शिवसेना के संगठन में चुनाव का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि साल 2018 में संगठन में चुनाव नहीं है। हमें 2018 के संगठन नेतृत्व को भी ध्यान में रखना होगा। उन्होंने कहा कि मेरे पास सीमित मुद्दा है और वह यह है कि असली शिवसेना कौन है। दोनों ही गुट अपने असली होने का दावा कर रहे हैं।