एशियन गेम्स में कोहराम मचाने वाले एथलीटों से मिलेंगे मोदी

स्पोर्ट्स न्यूज,  नई दिल्ली

पीएमओ ने बताया कि कार्यक्रम में भारतीय दल में शामिल सभी खिलाड़ी, उनके कोच, भारतीय ओलिंपिक संघ के अधिकारी, राष्ट्रीय खेल महासंघों के प्रतिनिधि और खेल मंत्रालय के अधिकारी भाग लेंगे। बता दें कि भारतीय टीम ने इस बार 2018 के रिकॉर्ड को चकनाचूर किया। एथलीटों ने गजब का प्रदर्शन किया। खासकर महिला एथलीटों ने कई खेलों में रिकॉर्ड अपने नाम किए।

भारत मेडल टैली में चौथे नंबर पर

भारत मेडल टैली में चौथे नंबर पर रहा, जबकि अक्सर भारत से अपनी तुलना करने वाले पाकिस्तान के नाम सिर्फ 3 मेडल आए। आर्चरी में भारत का दबदबा रहा, क्योंकि उसने 9 पदक हासिल किए। इसमें 5 गोल्ड, 2 सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल शामिल थे। कोरिया के पास खेल में कुल मिलाकर पदकों की संख्या अधिक थी, लेकिन गोल्ड की संख्या कम थी। एशियाई खेलों के इस संस्करण में भारत ने क्रिकेट में धांसू प्रदर्शन किया। महिला और पुरुष दोनों टीमों ने गोल्ड मेडल जीते। महिला टीम ने श्रीलंका को हराया और पुरुष टीम ने अफगानिस्तान के खिलाफ बारिश के कारण फाइनल मैच धुल जाने के बावजूद भी गोल्ड अपने नाम किया। इसके अलावा भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने फाइनल में पिछले एशियाड चैंपियन जापान को 5-1 से हराया। दूसरी ओर, महिला टीम सेमीफाइनल में चीन से 0-4 से हार गई, लेकिन कांस्य पदक मैच में जापान को 2-1 से हराया।

क्रिकेटः अंक तालिका में अब तक पांच टीमों का खाता खुला

भारत ने वनडे विश्व कप के अपने पहले मैच में पांच बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को छह विकेट से हरा दिया। जीत के लिए मिले 200 रन के लक्ष्य को टीम इंडिया ने 41.2 ओवर में हासिल कर लिया। इस मैच के साथ ही सभी 10 टीमों ने एक-एक मैच खेल लिए हैं। अंक तालिका में अब तक पांच टीमों का खाता खुला है, जबकि पांच टीमें अपने पहले अंक का इंतजार कर रही हैं। यह विश्व कप 2019 की तरह राउंड रॉबिन फॉर्मेट में खेला जा रहा है, यानी सभी 10 टीमें एक-दूसरे के खिलाफ खेलती दिखेंगी। लीग राउंड में एक टीम नौ मैच खेलेगी और सबसे ज्याद अंक हासिल करने वाली चार टीमें सेमीफाइनल में पहुंचेंगी। फिलहाल मौजूदा अंक तालिका में भारत, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान और बांग्लादेश के पास दो-दो अंक हैं। न्यूजीलैंड की टीम फिलहाल अंक तालिका में शीर्ष पर है। उसने अपने पहले मैच में इंग्लैंड को नौ विकेट से शिकस्त दी थी। कीवी टीम का नेट रन रेट सबसे बेहतर है। टीम का नेट रन रेट 2.149 है। वहीं, दक्षिण अफ्रीका की टीम 2.040 के नेट रन रेट के साथ दूसरे स्थान पर है। अफ्रीका टीम ने अपने पहले मैच में श्रीलंका को 102 रन से करारी शिकस्त दी थी। तीसरे स्थान पर पाकिस्तान की टीम है। उसका नेट रन रेट +1.620 है। उसने अपने पहले मैच में नीदरलैंड को 81 रन से हराया था। वहीं, अंक तालिका में चौथे नंबर पर बांग्लादेश की टीम है। उसने अपने पहले मैच में अफगानिस्तान को छह विकेट से हराया था। शाकिब अल हसन की टीम का नेट रन रेट 1.438 है। भारतीय टीम अंक हासिल करने वाली टीमों में सबसे नीचे पांचवें स्थान पर है। उसका नेट रन रेट 0.883 है। हालांकि, अभी नेट रन रेट की लड़ाई नहीं आई है क्योंकि यह टूर्नामेंट का शुरुआती फेज है। आगे चलकर इसमें कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। हर टीम के लिए नेट रन रेट से ज्यादा जीत महत्वपूर्ण है। अगर कोई टीम अपने सभी नौ मैच जीतती है तो वह आसानी से क्वालिफाई करेगी और वह भी पहले स्थान पर रहकर।

तालिका में सबसे नीचे

वहीं, ऑस्ट्रेलिया, अफगानिस्तान, नीदरलैंड, श्रीलंका और इंग्लैंड के पास कोई अंक नहीं है। अंक हासिल न कर पाने वाली टीमों का क्रम वैसा ही है जैसा अंक हासिल करने वाली टीम का है। यानी भारत अगर पांचवें स्थान पर है तो उससे हारने वाली टीम छठे स्थान पर होगी। ऑस्ट्रेलिया का नेट रन रेट -0.883 है। वहीं, चौथे स्थान पर मौजूदा बांग्लादेश से हारने वाली टीम अफगानिस्तान सातवें स्थान पर है। उसका नेट रन रेट -1.438 है। नीदरलैंड -1.620 के नेट रन रेट के साथ आठवें, श्रीलंका -2.040 नेट रन रेट के साथ नौवें और न्यूजीलैंड से हारने वाली इंग्लिश टीम -2.149 के नेट रन रेट के साथ 10वें स्थान पर है।

24 साल का पुराना रिकॉर्ड टूटा

भारत ने वनडे विश्व कप में जीत के साथ आगाज किया है। उसने रविवार को चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ छह विकेट से जीत हासिल की। टीम इंडिया की जीत के हीरो केएल राहुल और विराट कोहली रहे। दोनों ने मुश्किल परिस्थितियों में पारी को संभाला और टीम को जीत दिलाई। राहुल 115 गेंद पर 97 रन बनाकर नाबाद रहे। वहीं, कोहली ने 85 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया। भारतीय गेंदबाजों ने कंगारू टीम को 49.3 ओवर में 199 रन पर समेट दिया। 200 रन के लक्ष्य का पीछा करने जब टीम इंडिया उतरी तो उसकी शुरुआत अच्छी नहीं रही। दो रन पर भारत के तीन विकेट गिर गए। रोहित शर्मा, ईशान किशन और श्रेयस अय्यर खाता नहीं खोल पाए। यहां से कोहली और राहुल ने मोर्चा संभाला। दोनों ने चौथे विकेट के लिए 165 रन की साझेदारी की। कोहली और राहुल की जोड़ी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व कप में सबसे बड़ी साझेदारी करने वाली जोड़ी बन गई। दोनों ने अजय जडेजा और रॉबिन सिंह के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। जडेजा और रॉबिन ने 1999 में 141 रन की साझेदारी की थी। वहीं, 2019 में रोहित शर्मा और शिखर धवन ने 127 रन जोड़े थे।

कांबली-सिद्धू से आगे निकले कोहली-राहुल

विश्व कप में चौथे विकेट के लिए कोहली और राहुल ने भारत के लिए दूसरी बड़ी साझेदारी की। दोनों ने विनोद कांबली और नवजोत सिंह सिद्धू को पीछे छोड़ दिया। कांबली और सिद्धू ने 1996 में कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में जिम्बाब्वे के खिलाफ 142 रन की साझेदारी की थी। विश्व कप में भारत के लिए चौथे विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड महेंद्र सिंह धोनी और सुरेश रैना के नाम दर्ज है। धोनी और रैना ने 2015 में जिम्बाब्वे के खिलाफ ऑकलैंड में नाबाद 196 रन जोड़े थे। कोहली आईसीसी के सीमित ओवरों के टूर्नामेंट (वनडे विश्व कप, चैंपियंस ट्रॉफी, टी20 विश्व कप) में भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए। उन्होंने इस मामले में सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड तोड़ दिया। कोहली के 64 पारियों में 2785 रन हो गए हैं। वहीं, तेंदुलकर के 58 पारियों में 2719 रन हैं।

कुलदीप यादव का छलका दर्द

कुछ साल पहले जब सफेद गेंद के क्रिकेट में कुलदीप यादव का खराब फॉर्म चल रहा था तो हर किसी ने उनसे यही कहा कि गेंद की रफ्तार कम है लेकिन किसी ने यह नहीं बताया कि उसे कैसे बढाना है। उन्हें 2020 में कोरोना काल के दौरान यूएई में हुए आईपीएल में घुटने में चोट भी लगी। यह पूछने पर कि उन्होंने अपनी गेंदों में रफ्तार कैसे बढ़ाई जिससे पिछले 18 महीने में वनडे क्रिकेट में भारत के सबसे कामयाब गेंदबाज बने? इस पर कुलदीप इमोशनल हो गए। कुलदीप ने कहा कि हर किसी ने मुझे कहा कि गेंद में रफ्तार की जरूरत है लेकिन किसी ने नहीं बताया कि वह कैसे किया जाए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व कप के पहले मैच में डेविड वॉर्नर और ग्लेन मैक्सवेल के कीमती विकेट लेने वाले कुलदीप ने कहा कि उन्होंने खुद ही इसका हल निकाला लेकिन टीम फिजियो आशीष कौशिक की एक सलाह उपयोगी साबित हुई।

कुलदीप यादव ने कहा जब मैं चोट से वापिस आ रहा था तो फिजियो आशीष कौशिक ने कहा कि दाहिने पैर पर कम वजन देना है। मैंने अभ्यास में भी वही किया और मैच हालात में मुझे फर्क पता चला। यह रातोरात नहीं हुआ। लय दोबारा पाने में छह महीने लगे। यह पूछने पर कि चेपॉक की पिच क्या धीमे गेंदबाजों की मददगार थी? कुलदीप ने कहा कि मुझे नहीं लगता लेकिन मुझे अपनी गेंदों में गति बढानी पड़ी। ग्लेन मैक्सवेल को समय नहनीं मिला और इसी तरह से स्मिथ को जडेजा ने आउट किया था। टर्न के साथ गेंद की गति भी अहम थी। यह पूछने पर कि क्या टूर्नामेंट में आगे तीन स्पिनरों के लिये जगह होगी , उन्होंने कहा कि पूरे टूर्नामेंट के बारे में पता नहीं लेकिन हमने देखा है कि चेन्नई में तीन स्पिनरों को उतारा जा सकता है।’