स्वतंत्र समय, इंदौर
माणिकबाग में एक दिन पहले कचरा गाड़ी से कबाड़ खरीदने पर नगर निगम के दल ने कबाड़ी पर बीस हजार रुपए का स्पॉट फाइन ठोंक दिया। यह कार्रवाई बाकायदा नगर निगम आयुक्त हर्षिका सिंह के निर्देशन में हुई लेकिन कबाड़ बेचकर जेब गर्म कर रहे निगम कर्मचारी से इस बारे में अफसरों ने कुछ भी पूछना मुनासिब नहीं समझा। नगर निगम ने अपनी कॉलर ऊंची करते हुए इसके फोटो भी सोशल मीडिया पर शेयर कर दिए हैं। हालांकि शहर के जागरूक और जिम्मेदार नागरिकों ने इस पर कमेंट कर नगर निगम की कार्रवाई पर ही उंगलियां उठाना शुरू कर दिया है। नागरिक पूछ रहे हैं कि कबाड़ी पर 20 हजार रुपए का फाइन लगाना एक्शन है। वहीं निगम कर्मचारी तो इसे बेचकर अपनी जेब गर्म कर रहा है। अगर यह कबाड़ या कचरा है तो इसे निस्तारण के लिए भेजना चाहिए बेचने के लिए नहीं। ऐसे में निगम की कार्रवाई पर जमकर सवाल उठ रहे हैं। कबाड़ी के साथ ही सफाई कर्मचारी के खिलाफ भी एक्शन लिया जाना चाहिए।
एकतरफा कार्रवाई की
जानकारी के अनुसार जोन 12 में रविवार को माणिक बाग ओवरब्रिज के नीचे नगर निगम का कचरा कलेक्शन वाहन खड़ा हुआ था। यहां निगम कर्मचारी कबाड़ी को भंगार व स्क्रैप कबाड़े वाले केा बेच रहा था। इस दौरान नगर निगम के फ्लाइंग स्क्वॉड की नजर इस पर पड़ गई और उसने एकतरफा कार्रवाई की।
फ्लाइंग स्क्वॉड बनाए थे, सफाई कर्मी पर भी एक्शन के निर्देश दिए थे
निगमायुक्त हर्षिका सिंह ने बैठक लेकर निगम के डोर टू डोर कचरा संग्रहण वाहनों द्वारा अनुपयोगी सामान/कबाड़ कबाडिय़ों को बेचने पर रोक लगाने के उद्देश्य से निगम का उडऩ दस्ता तैयार किया था। वहीं संबंधित वाहन चालक, हेल्पर, वाहन सुपरवाइजर के साथ ही कबाडी पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए थे। नगर निगम ने एक ओर तो बायोमेट्रिक पर हाजिरी के बाद मौके पर नहीं मिलने वाले सफाई कर्मचारियों को सीध बर्खास्त करने की तैयारी कर रखी है, वहीं ऐसी ढीलपोल रास नहीं आ रही।
कचरा गाडिय़ों का मेंटेनेंस भी कमजोर
नगर निगम की कचरा गाडिय़ां कई स्थानों पर समय पर नहीं पहुंच पा रही हैं। उचित मेंटेनेंस नहीं होने की वजह से यह समय पर कचरा कलेक्शन के लिए नहीं पहुंच पा रही हैं। ऐसे में कामकाजी वर्ग अपने काम के लिए निकल जाता है और घर में कचरा जमा हो रहा है।
बहुत देर से अधिकारी जागे
सुधीर सिंह राठौर ने सोशल मीडिया पर कमेंट किया कि हर वाहन से निगम कर्मी समान बेचता ही है ये कोई नई बात नहीं। ये तो इनकी ऊपर की कमाई है। दीपावली पर तो ये कर्मचारी हर घर से 100 रुपए तक मांगते हैं।