कांग्रेस के अभेद किले को ढहा पाएगी भाजपा या फिर होगा भितरघात ?

आशुतोष शर्मा, भिण्ड

भिण्ड जिले की लहार विधानसभा अभेद किला बन चुकी है, यहां 1957 से लेकर 2018 तक हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के सबसे ज्यादा 11 विधायक चुने गए हैं। इस हिसाब से लहार विधानसभा को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है वहीं अन्य दलों की स्थिति पर नजर डालें तो अब तक कुल चार विधायक रहे हैं। अब ऐसी स्थिति में भारतीय जनता पार्टी ने 2023 के विधानसभा चुनाव में डॉ. गोविन्द सिंह को घेरने की पूरी तरह से कमर कस ली है। उसने अपने उम्मीवार के रूप मेें दो बार पराजित हो चुके अम्बरीश शर्मा (गुड्डू) को चुनाव मैदान में उतारा है वहीं अन्य दलों के उम्मीदवारों की स्थिति नामांकन बापिसी के बाद स्पष्ट हो सकेगी।

क्या भाजपा भेद पाएगी कांग्रेस के अभेद किले को

मप्र विधानसभा 2023 के चुनाव की रणभेरी बज चुकी है, अबकी बार लहार विधानसभा में कांग्रेस के उम्मीदवार डॉ. गोविन्द सिंह को घेरने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने उनकी गृह विधानसभा में घेरने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। यहां भाजपा ने पिछले दो विधानसभा चुनावों में पराजित हुए अम्बरीश शर्मा गुड्डू को उम्मीदवार बनाया है। किंतु यहां हर बार भाजपा को अपने नेताओं से भितरघात का सामना करना पड़ता है। अब देखना यह होगा कि भाजपा अपनी रणनीति में कामियाब होती है या फिर लहार बनी रहेगी कांग्रेस का अभेद किला?

सर्वाधिक सात बार विधायक चुने जाने का खिताब वर्तमान नेता प्रतिपक्ष के नाम

पिछले आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो यहां सर्वाधिक सात बार विधायक चुने जाने का खिताब वर्तमान नेताप्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह के नाम है। जो 1990 में जनता दल विधायक चुने गए और विपक्ष में रह कर सशक्त भूमिका में रहे इसी दौरान पूर्व मुख्यंत्री दिग्विजय सिंह के संपर्क में आने पर उन्होंने कांग्रेस पार्टी जॉइन की और 1993 से लेकर 2018 तक लगातार विधायक चुने गए और वर्तमान में मप्र विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष हैं और 1993, 1998 एवं 2018 में तीन बार मंत्री भी बने। वहीं अन्य दलों से अब 1967 में जनसंघ के सूरज प्रसाद, 1977 में जनता पार्टी से रमाशंकर सिंह, 1985 में भाजपा से मथुरा प्रसाद रहे।

1957 से लेकर अब तक रहे विधायक

सन              चुने गए विधायक             दल

1957            गोकुल दास                कांग्रेस

1957          सुश्री प्रेमकुमारी               कांग्रेस

1962             प्रभूदयाल                 कांग्रेस

1967            सूरज प्रसाद                जनसंघ

1972           राघवराम चौधरी           कांग्रेस

1977           रमाशंकर सिंह          जनता पार्टी

1980         रमाशंकर चौधरी      कांग्रेस

1985           मथुरा प्रसाद महंत    भाजपा

1990       डॉ. गोविन्द सिंह     जनता दल

1993       डॉ. गोविन्द सिंह     कांग्रेस

1998       डॉ. गोविन्द सिंह     कांग्रेस

2003       डॉ. गोविन्द सिंह     कांग्रेस

2008       डॉ. गोविन्द सिंह     कांग्रेस

2013       डॉ. गोविन्द सिंह     कांग्रेस

2018       डॉ. गोविन्द सिंह     कांग्रेस

विधानसभा क्षेत्र से दो विधायक रहे प्रदेश सरकार में मंत्री

भिण्ड जिले की लहार विधानसभा से दो विधायक प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके हैं। यहां सर्वप्रथम 1980 में कांग्रेस से विधायक चुने गए रमाशंकर चौधरी मंत्री रहे, इसके बाद 1993 के चुनाव में कांग्रेस के टिकिट पर जीते डॉ. गोविन्द सिंह दिग्विजय सिंह शासनकाल में 2003 तक लगातार दो बार मंत्री रहे और उनकी प्रदेश की राजनीति में जमकर तूती बोली। इसके बाद 2003 में सत्ता परिवर्तन होने पर डॉ. गोविन्द सिंह विपक्ष में आ गए। किंतु डॉ. सिंह का वर्चस्व कम नहीं हुआ, 2003 से लेकर 2018 तक बेशक प्रदेश में भाजपा की सरकार रही परंतु डॉ. गोविन्द सिंह अपनी विधानसभा में मजबूती से डटे रहे और यहां से कांग्रेस को लगातार विजयश्री मिली। 2018 में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार सत्ता में बापिस लौटी और डॉ. गोविन्द सिंह फिर विधायक मंत्री बने। किंतु 2021 में दलबदल के चलते कांग्रेस एक बार फिर सत्ता से पदच्युत हो गई और डॉ. गोविन्द सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया।