स्वतंत्र समय, आष्टा
म.प्र. का विधानसभा चुनावी समर में आष्टा विधानसभा क्षैत्र 157 से भाजपा ने वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष गोपाल सिंह इंजिनियर पर दांव खेला है जबकि गोपाल सिंह इंजिनियर लगातार 3 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी रहते हुए पराजित हुए है। वहीं लगभग दो तीन वर्ष पूर्व भाजपा में शामील हुए इंजिनियर एक बार फिर से भाजपा के प्रत्याशी बनकर अपना भाग्य आजमाते नजर आ रहै हैं।
भाजपा में शामील होते ही इंजिनियर की पत्नी को लगभग 1 या 2 माह के अल्पकालीन जिला पंचायत अध्यक्षा के पद पर बैठाया गया। बाद मेंं 2023 के त्रिस्तरीय जिला पंचायत निर्वाचन में गोपाल सिंह इंजिनियर को भाजपा समर्थक जिला पंचायत सदस्यों एवं अन्य जिला पंचायत सदस्यों द्वारा जिला पंचायत अध्यक्ष के पक्ष में वोटिंग करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष बनाया। वर्तमान में इंजिनियर जिला पंचायत अध्यक्ष सीहोर के पद पर आसीन है। विधानसभा चुनाव आते ही इंजिनियर ने भाजपा से प्रत्याशी बनाये जाने की कवायद प्रारंभ कर दी थी जिसमें इंजिनियर सफल हो गए।
भाजपा ने आष्टा विधानसभा क्षैत्र 157 से पूर्व में कांग्रेस पार्टी में रहते हुऐं लगातार 3 विधान सभा चुनावों में भाजपा से पराजित हुऐं उम्मीदवार इंजिनियर के भाजपा में शामील होने पर भाजपा ने एक बार फिर से आष्टा विधानसभा क्षैत्र 157 से गोपाल सिंह इंजिनियर को प्रत्याशी घोषित कर अपना दांव लगाया है। जिस पर भाजपा में वर्षो से ‘अपना टाईम आयेगा’ की तर्ज पर राह तांक रहै दावेदारों के दिल के अरमां आंसुओं में बह गए। भाजपा के प्रति समर्पित व वर्षो से भाजपा को सेवाऐं दे रहे तथा पार्टी को ऊंचाईयों के पायदान पर ले जाने के लिऐं अपना महत्वपुर्ण समय और योगदान देने वाले पार्टी के योग्य और अनुभवी, कार्यकर्ताओं दावेदारों को 5 वर्षीय लंबे इंतजार के बाद भी अगर पार्टी से निराशा, मायूसी हाथ लगे तो कहीं ना कहीं ये दर्द एक गंभीर पीड़ादायक टीस बनकर उस वक्त तक रहता है। जब तक पार्टी मायूस और निराशाजनक घावों से लबरेज अपने समर्थकों व चुनावों के प्रबल दावेदारों तक अपनी पैनी नजर नही दौडाती वहीं पार्टी को भी उम्मीद से ज्यादा सफलता नही मिलती दिखाई देती है और सारा ठिकरा मायूस और निराशाजनक घावों से लबरेज अपने समर्थकों व चुनावों के प्रबल दावेदारों पर फोड़ते नजर आती है।
ऐसा ही कुछ नजारा आष्टा विधानसभा विधानसभा क्षैत्र 157 में विधान सभा चुनाव के बाद भाजपा को लेकर शायद देखा जा सकता है जहां वर्षो पुराने पार्टी के विधानसभा चुनावी दावेदारों की पाार्टी के प्रति समर्पित भावों सहित मेहनत और कर्मठता को नजर अंदाज करते हुऐं भाजपा ने कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामील हुऐं वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष गोपाल सिंह इंजिनियर को अपना प्रत्याशी बनाकर विधानसभा चुनावी रण में उतारा भाजपा ने आष्टा के वर्तमान भाजपा विधायक रघुनाथ सिंह मालवीय जो कि आष्टा विधान सभा चुनाव क्षैत्र 157 से 2 बार जीते फिर भी भाजपा ने उन्हे विधान सभा की टिकिट से वंचित रखा वहीं युवा कैलाश बगाना जिन्होंने आरएसएस शाखा सहित भाजपा को हर चुनाव मे अपना पूर्ण सहयोग दिया उन्हे भी भाजपा ने नजर अंदाज कर दिया और लगभग 2 से 3 वर्ष पुर्व कांग्रेस से भाजपा मे शामिल हुए इंजिनियर पर दांव लगाते हुऐं अपना पांसा फेक दिया। इससे कहीं ना कहीं भाजपा में भीतरघात कि संभावना से इंकार नही किया जा सकता जिससे कि लगभग 30-35 वर्षो से वनवास भोग रही कांग्रेस भीतरघात का फायदा उठाते हुऐं अपनी जीत का डंका बजाते नजर आये। अब देखना यह कि भाजपा और भाजपा प्रत्याशी गोपाल सिंह इंजिनियर अपनी पार्टी के मायुस,नाराज दावेदारों को किस हद तक अपने पक्ष में करने व मनाने के लिऐं सफल हो पाते है यह तो आगामी विधान सभा चुनाव परिणाम के बाद ही ज्ञात हो सकेगा फिलहाल तो भाजपा के मायुस और हताश उम्मीदवारों के लिऐं यही कहां जा सकता है कि .. भाजपा में वर्षो से अपना टाईम आयेगा की तर्ज पर राह तांक रहै दावेदारों के दिल के अरमां आंसुओं में बह गयें।