कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में I.N.D.I.A को कहा – ना…ना… एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे गठबंधन के दल

स्वतंत्र समय, भोपाल

कांग्रेस के नेतृत्व में राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा विरोधी विचारधारा के दलों ने इं.डि.या. गठबंधन बनाया है। इस दल की कई बैठकें भी दिल्ली सहित कई राज्यों में हो चुकी हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में I.N.D.I.A में शामिल दलों के बीच गठबंधन नहीं हो सका है, ये दल मप्र में आपस में ही एक दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर चुके हैं। इसको लेकर जहां सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और मप्र के सीएम फेस कमलनाथ पर उनके लिए सीटें न छोडऩे का आरोप लगाया है, तो वहीं भाजपा ने गठबंधन दल के इस तरह मप्र में बिखराव पर तंज कसा है।

मप्र की सीटों पर आपस में लड़ रही गठबंधन की सेना

भाजपा से लडऩे के लिए विपक्षी दलों द्वारा बनाया गया I.N.D.I.A गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर तो एक मंच पर नजर आ रहा है, लेकिन मध्य प्रदेश में यह गठबंधन बिखरा हुआ है। दरअसल, इस गठधन में शामिल दल ही एक दूसरे के खिलाफ प्रत्याशी उतार रहे हैं। I.N.D.I.A गठबंधन में मुख्य तौर पर शामिल कांग्रेस, सपा और आम आदमी पार्टी के बीच मध्य प्रदेश में कोई गठबंधन नहीं है, लिहाजा ये दल एक दूसरे के खिलाफ ही चुनाव लड़ रहे हैं। साथ ही एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।

सीट बंटवारे पर कांग्रेस सपा के बीच नहीं बन पाई सहमति

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई है। जिससे चलते दोनों दल आमने-सामने आ गए हैं। इससे नाराज होकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि इंडिया एलायंस में ये कांग्रेस को तय करना है कि वो क्या चाहती है। अगर ये गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर है तो फिर यही रहेगा और भविष्य में प्रदेश स्तर पर कोई विचार नहीं किया जाएगा। अखिलेश का इशारा खासतौर पर उप्र को लेकर है, जहां सपा की स्थिति कांग्रेस की अपेक्षा काफी मजबूत है, तो वहीं कांग्रेस की स्थिति कमजोर है। अखिलेश ने रात एक बजे तक चली मीटिंग का भी जिक्र किया, जिसमें कोई नतीजा नहीं निकला। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी अकेले चुनाव लड़ रही है, सपा ने अभी तक 33 सीटों की सूची जारी की है, बाकी सीटों पर भी प्रत्याशी घोषित करने से पूर्व की प्रक्रिया चल रही हैं। इसी प्रकार आम आदमी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी भी अलग-अलग चुनाव मैदान में है। इनका भी कांग्रेस से मप्र में सीटों को लेकर कोई बंटवारा नहीं है। इस बीच बसपा ने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ अलग से एक छोटा समझौता किया है, जिसके तहत प्रदेश में दोनों दल मिलकर अब तक 72 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार चुके हैं।

पता होता तो कांग्रेस पर भरोसा नहीं करता: अखिलेश

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा ‘हमें नहीं पता था प्रदेश स्तर पर गठबंधन नहीं है। हमें पता होता तो दिग्विजय से नहीं मिलते, मैं अपने लोगों को कमलनाथ के पास नहीं भेजता, मुझे पता होता तो कांग्रेस पर भरोसा नहीं करता’। अखिलेश ने कहा कि कांग्रेस ने सपा को 6 सीटें देने का वादा किया था, वहीं कांग्रेस को नसीहत देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि ‘अपने चिरकुट नेताओं से हमारे बारे में न बुलवाएं, अब दिल्ली स्तर पर जब बात होगी तब देखा जाएगा। प्रदेश स्तर पर कोई गठबंधन नहीं है। इसलिए हमने अपने प्रत्याशी उतारे हैं।’

भाजपा का तंज- गठबंधन नहीं ये तो ठगबंधन

उधर, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने तंज कसते हुए कहा कि -गठबंधन नहीं ये तो ठगबंधन निकला, ठगे जाने की शुरुआत समाजवादी पार्टी से हुई, मप्र में कमलनाथ ने अखिलेश यादव के साथ छल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सूची भी ले ली और फिर ठेंगा भी दिखा दिया। बेचारे अखिलेश यादव को कांग्रेस की मोहब्बत वाली दुकान से सिर्फ मिला तो केवल धोखा, लेकिन ये भी गौर करने वाली बात है कि अखिलेश यादव ने कांग्रेस को उसकी हैसियत बता दी।