खाद की किल्लतः बाजार और सहकारी संस्थाओं से किसानों को नहीं मिल रहा खाद

स्वतंत्र समय, बरेली

कृषि प्रधान क्षैत्र में खेती किसानी की प्राथमिकताओं में बोवनी के लिए जरूरी डीएपी, यूरिया, खाद खुले बाजार की दुकानों एवं सहकारी संस्थाओं के गोदामों से गायब बना हुआ है। हजारो किसानों को सिर्फ मंडी स्थित मार्कफेड की गोदाम से घंटो लाइन में लग कर वमुस्किल दो-चार बोरी डीएपी, यूरिया मिल पा रहा है। प्रतिवर्ष खरीफ एवं रवि फसलों की बोवनी के समय डीएपी, यूरिया, खाद की कमी क्यों हो जाती है। किसानों की समझ से परे और परेशानियों का कारण बना हुआ है।
बाड़ी स्थित बारना बांध से बाड़ी, बरेली क्षैत्र में एक लाख एकड से अधिक भूमि की सिंचाई होती है। जहॉ नहरों का पानी नहीं पहुंचता, किसानों द्वारा नलकूपों के द्वारा फसलों की सिंचाई व्यवस्था की गई है। धान की कटाई के बाद किसान खेतो का पलेवा करने दिन-रात परिश्रम कर रहे है। बतर आते ही बखरनी और किसानों गेंहू, दलहन फसलों की बोवनी का प्रयास किया जा रहा है। समय पर बोवनी में डीएपी, यूरिया, खाद न मिलने सबसे बडी बाधा और परेशानी बन रही है। बाड़ी एवं बरेली की मार्कफेड गोदामों पर सुबह से खाद के लिए किसानों की लम्बी लाइनें लग रही है।
किसान डिफाल्टर, नहीं मिल रही खाद – कांग्रेस की किसान ऋणमुक्ति योजना फ्लाप रही। हजारो किसान 2 लाख रू. तक के ऋण माफ होने की उम्मीद में डिफाल्टर हो गये। सहकारी संस्थाओं द्वारा विपणन संघ को खाद की राशि देना है। सहकारी संस्थाओं को समर्थन मूल्य पर खरीदे गए गेंहू, चना इत्यादि के खर्चो और कमीशन की राशि का भुगतान न होने से आर्थिक स्थिति खराब बनी हुई है। बोवनी के महत्वपूर्ण समय में क्षैत्र के हजारो किसानों का न तो सहकारी संस्थाओं से डीएपी, यूरिया, खाद मिल रहा है। और न ही उक्त खाद खुले बाजार में खाद विक्रेताओं के यहॉ मिल रहा है। किसानों को ऋण पुस्तिका और आधार कार्डो पर अपनी आवश्यकता के अनुसार खाद मिलना कठिन और परेशानियों भरा बना हुआ है।
लग रही लाइनें – बारना बांध से सिंचित क्षैत्र के प्रमुख स्थान बाड़ी एवं बरेली की विपणन संघ गोदामों पर खाद के लिए प्रतिदिन सुबह से किसानों की लम्बी लाइनें लग रही है। किसानों को बोवनी के लिए जरूरी और आवश्यकतानुसार डीएपी, यूरिया मिलना कठिन बना हुआ है। जिससे किसानों में असंतोष का माहौल बन रहा है।