स्वतंत्र समय, ग्वालियर
जमीनी विवाद में एक भतीजे ने अपने साथी के साथ मिलकर 1.80 लाख रुपए की लूट की फर्जी कहानी बुन दी। कहानी तो भतीजे ने ठीक बनाई थी, लेकिन उसके किरदार ज्यादा देर तक पुलिस के सामने टिक नहीं सके। पुलिस ने डबरा में हुई इस फर्जी लूट का खुलासा करते हुए आरोपी भतीजे व उसके सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया है। लूटे गए रुपए आरोपी के ट्रैक्टर के टूल बॉक्स में छुपाकर रखे गए थे, जिन्हें पुलिस ने बरामद किया है। आरोपी आगे चल कर अपने चाचा को इस लूट में फंसाना चाहता था।
एसएसपी ग्वालियर राजेश सिंह चंदेल ने बताया कि 4 दिसंबर की रात करहिया रोड निवासी भगवान लाल पुत्र बाबू लाल मोदी ने शिकायत की थी कि वह मिथुन जाटव के साथ धान की फसल बेचकर वापस घर आ रहा था। अभी वह महाकाल फैक्ट्री डबरा के पास पहुंचा था कि तभी दो बाइकों पर तीन युवक आए और उसे रूकने के लिए इशारा किया। वह अभी कुछ समझ पाता कि तभी एक युवक ने उस पर कट्टा अड़ा दिया। इसी समय दूसरे बदमाश ने उसकी जेब में रखे एक लाख 80 हजार 180 रुपए लूट कर लिए और वह बाइक पर सवार होकर भाग गए।
फरियादी, उसके साथी की कहानी में अंतर, हुआ खुलासा
लूट की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल की। आसपास पूछताछ करने पर ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिससे लूट की पुष्टि होती हो। न किसी ने आवाज सुनी न ही किसी ने ऐसा कुछ सीन देखा। इसके बाद पुलिस ने घटना को संदेह के नजरिए से देखना शुरू कर दिया। फरियादी भगवानदास और उसके साथ घटना के समय रहे मिथुन को अलग-अलग बैठाकर पूछताछ की गई। दोनों ने कहानी तो बाइक सवारों द्वारा लूट की सुनाई, लेकिन डिटेलिंग में अंतर था। कोई बाइक पर पीछे वाले बदमाश द्वारा कट्टा तानना बता रहा था तो कोई बीच में बैठे बदमाश द्वारा। जब पुलिस ने मिथुन से पुलिसिया अंदाज से पूछताछ की तो वह टूट गया और उसने बताया कि लूट की घटना नहीं घटी है। इसका खुलासा होते ही पुलिस ने भगवान से पूछताछ की तो खुलासा हुआ कि लूट की घटना नहीं घटी है और जिन पैसों को वह लूटना बता रहा था वह तो ट्रैक्टर के टूल बॉक्स में रखे हुए हैं। इसका पता चलते ही पुलिस ने टूल बॉक्स से रुपए बरामद कर लिए।
जमीनी विवाद में चाचा को फंसाना चाहता था
कथित फरियादी भगवान लाल मोदी ने पुलिस को बताया कि कुछ साल पहले उसके चाचा बलराम मोदी ने उसकी पांच बीघा जमीन पर कब्जा कर लिया है। उसके कई बार मांगने पर भी वह जमीन वापस नहीं कर रहा था। जिस पर उसने अपने चाचा को फंसाने यह लूट की कहानी रची थी। अभी वह आरोपी अज्ञात बता रहा था, लेकिन आगे चल कर इस मामले में वह अपने चाचा का नाम घसीटता।