गौर जयंतीः डॉ. गौर के चरणों में श्रद्धापूर्वक नतमस्तक सागौर

स्वतंत्र समय, सागर

महान दानवीर, विधिवेत्ता एवं डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ सर हरीसिंह गौर का 154वां जयंती समारोह रविवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। रविवार सुबह गौर मूर्ति तीनबत्ती पर केंद्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने माल्यार्पण किया। उनके उद्बोधन के बाद गौर शोभायात्रा शुरू की गई। गौर मूर्ति तीनबत्ती से शुरू हुई गौर यात्रा गौर अध्ययन केंद्र एवं गौर जन्म स्थली होकर गोपालगंज होते हुए विश्वविद्यालय परिसर में पहुंची। शोभायात्रा के विश्वविद्यालय परिसर में आगमन के बाद गौर मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया। गौर समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। जिसके बाद गौर प्रांगण में कार्यक्रम शुरू हुए। गौर प्रांगण में आयोजित मुख्य समारोह की शुरूआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन तथा डॉ गौर के तैल चित्र पर पुष्प अर्पण के हुई। तत्पश्चात संगीत विभाग के छात्र छात्राओं ने सरस्वती वंदना एवं गौर गीत की प्रस्तुति दी। विशिष्ट अतिथियों के रूप में विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो संतोष कुमार, पूर्व छात्र एवं पूर्व निदेशक एएमडी हैदराबाद पीएस परिहार, पूर्व शिक्षक एवं मोतिहारी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो संजय श्रीवास्तव मंचासीन थे। सारस्वत उद्बोधन विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता ने दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं पूर्व आईपीएस कन्हैया लाल बेरवाल ने की। गौर उत्सव के समन्वयक प्रो. प्रदीप कुमार कठल ने गौर उत्सव 2023 का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। तीनबत्ती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि आज का दिन बुन्देलखण्ड ही नहीं समूचे भारतवर्ष के लिए ज्ञान के संधान का दिन है। आज के ही दिन इस धरा धाम पर डॉ गौर के रूप में ज्ञान दान का अप्रतिम सूर्योदय हुआ था जो आगे चलकर पूरे बुन्देलखण्ड की उज्ज्वल पहचान बन गया। उन्होंने डॉ गौर के जीवन कर्म को रेखांकित करते हुए कहा कि डॉ गौर का जीवन और कर्म हम सबके लिए एक सबक है। वे पढऩा चाहते थे। एक महान संकल्प में बदलते हुए अपने सागर में विश्वविद्यालय के रूप में ज्ञान का एक महान स्थापत्य खड़ा कर दिया है। कहा जाता है कि उस समय सागर में स्याही तक नहीं मिलती थी। यहां के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाना पड़ता था। शैक्षिक दृष्टि से सागर अत्यंत पिछड़ा हुआ था। पर अपनी मातृभूमि के प्रति लगाव और प्रेरणा के चलते डॉ गौर ने अपनी समूची पूंजी का दान कर 1946 में विश्वविद्यालय की स्थापना कर अपने तरह का एक अभिनव कीर्तिमान रच दिया। आज हमारे पास अवसर है, एक बड़ा और सफल उदाहरण है कि हम चाहें तो अपनी समस्याओं को संकल्प में, अभाव को समृद्धि में और हीनताबोध को सकारात्मकता में बदलने की प्रेरणा महामनीषी डॉ हरीसिंह गौर से ले सकते हैं।

शिक्षकों की पुस्तकों का विमोचन व मेधावी छात्र-छात्राओं का सम्मान

विवि के गौर प्रांगण में आयोजित मुख्य समारोह में मंचासीन अतिथियों द्वारा विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा लिखित पुस्तकों का विमोचन किया गया। विभिन्न कक्षाओं के मेधावी छात्र छात्राओं को भी पुरस्कृत किया। कार्यक्रम में इस अवसर पर भौतिक शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.आशीष वर्मा द्वारा लिखित पुस्तक एंबेडेड सिस्टम का विमोचन हुआ। प्रो. आशीष वर्मा वर्तमान में भौतिक शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष होने के साथ साथ इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी के प्रभारी निर्देशक गणित एवं भौतिक शास्त्र स्कूल के अधिष्ठाता कंप्यूटर साइंस के विभागाध्यक्ष आदि जिम्मेदारियों का भी निर्वहन कर रहे हैं। प्रो. वर्मा ने बताया उनके द्वारा लिखित पुस्तक एंबेडेड सिस्टम इंजीनियरिंग एवं विज्ञान के विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी। पुस्तक विमोचन के इस अवसर पर प्रो. आशीष वर्मा को प्रो. रणवीर कुमार, डॉ.रेखा गर्ग, प्रो.संध्या पटेल, डा. अलका दुबे सहित अन्य लोगा उपस्थित रहे। गौर उत्सव सप्ताह के विभिन्न आयोजनों के विजेताओं को मंचासीन अतिथियों द्वारा पुरस्कार प्रदान किया गया। समारोह के अंत में ललित कला एवं प्रदर्शनकारी कला विभाग के छात्र छात्राओं द्वारा बधाई नृत्य की प्रस्तुति दी गई। इसके साथ ही संविधान दिवस के अवसर पर संविधान की उद्देशिका का वाचन करते हुए कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता ने संविधान के प्रति आस्थावान रहने की शपथ दिलाई। कुलपति द्वारा कुलाधिपति बेरवाल को गौर धरोहर का मंगल कलश अभ्यर्पण किया गया। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता ने विशिष्ट अतिथि प्रो संतोष कुमार को गौर गौरव सम्मान, पीएस परिहार को गौर रत्न एवं प्रो संजय श्रीवास्तव को गौर मणि सम्मान से सम्मानित किया।

डॉ. गौर स्वास्थ्य परामर्श केंद्र का उद्घाटन

गौर जयंती के अवसर पर विश्वविद्यालय की तरफ से शहर वासियों के लिए डॉक्टर गौर स्वास्थ्य परामर्श केंद्र का उद्घाटन कटरा बाजार स्थित गौर अध्ययन केंद्र पर कुलपति द्वारा किया गया। इस केंद्र के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी परामर्श परीक्षण स्वास्थ्य काउंसलिंग स्वास्थ्य जागरूकता संबंधी कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे जिसका लाभ सभी शहरवासी प्रत्येक बुधवार प्राप्त कर सकते हैं। विश्वविद्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अभिषेक जैन ने बताया इस केंद्र मे विश्वविद्यालय स्वास्थ्य केंद्र की विशेषज्ञ चिकित्सा परामर्श देंगे। उद्घाटन के बाद डॉक्टर गौर स्वास्थ्य परामर्श केंद्र में कुलपति ने स्वयं का स्वास्थ्य परीक्षण कराया। साथ ही लगभग 50 मरीजों की जांच डॉ अभिषेक जैन एवं डॉक्टर भूपेंद्र पटेल द्वारा की गई साथ ही निशुल्क परामर्श के साथ साथ सिरम यूरिक एसिड एवं ब्लड ग्लूकोस की भी जांच
की गई।