स्वतंत्र समय, बैतूल
चुनाव का समय हो और चाय की दुकान और पान ठेलो पर चुनावी चर्चा का माहौल न बने ऐसा कभी नहीं हुआ लेकिन घोड़ा डोंगरी में कांग्रेस एवं भाजपा के प्रत्याशी घोषित होने के बाद भी और चुनाव नजदीक होने पर भी लोगों में इन प्रत्याशियों के प्रति उत्साह नहीं देखने को मिल रहा है या कहें कि लोग चुप्पी सादे बैठे हैं। ना कोई चर्चा नाहीं युवाओं में उत्सह नजर आता है वह गलियों और बाजारों में बैनर और पोस्ट अब ना के बराबर देखने को मिल रहे हैं लोग किस पार्टी को समर्थन कर रहे हैं बोलने से भी हिचकिचा रहे हैं ऐसा पहली बार चुनावी माहौल में देखने को मिल रहा है।
राहुल के बारे में क्या सोचते हैं लोग
राहुल उइके कांग्रेस पार्टी से घोड़ाडोंगरी विधानसभा के प्रत्याशी हैं जनता की राय में वे मृदुभासी तो है लेकिन इसके साथ ही जनपद अध्यक्ष के कार्यकाल में काम को लेकर लोगों की असंतुष्टि खुलकर सामने देखने को मिल रही है जनपद अध्यक्ष बनने के बाद चार लोगों में घीरा रहने का इल्जाम भी बखूबी लगता आया है, लोगों से शानदार तरीके से मुस्कुराकर मिलना, और बातें करना लोगों को बहुत भाया किंतु काम के प्रति लोगों की असंतुष्टि चुनाव में कांग्रेस के लिए भारी पड़ सकती है। घोड़ाडोंगरी में पिछले कांग्रेस विधायक ब्रह्मा भलावी के कार्यों को लेकर भी लोगों में खासी नाराजगी हैं जिसका गड्ढा भरपाना राहुल के लिए एक चुनौती से कम नहीं है। पिछली बार की तरह प्रदेश में सरकार ना बनने की स्थिति में घोड़ाडोंगरी विधानसभा के भविष्य की चिंता भी युवाओं में दिख रही है इन सभी बातों को लेकर लोग चुप है देखते है वे चुनावी समर में अपना वोट किस पार्टी को डालेंगे।
लाडली बहन पर निर्भर भाजपा प्रत्याशी
भाजपा से गंगाबाई को टिकट मिलने के बाद से कई भाजपा के चाणक्यो कि इस चुनाव में बेरूखी नजर आ रही है जिस तरह पिछले चुनाव में नेताओं में एक उत्साह था जो अब कहीं खो गया है विधायक बनने के बाद जिस तरीके से कार्यकर्ताओं को नजर अंदाज किया जाता रहा उससे कार्यकर्ताओं का पार्टी से मोह भंग दिख रहा है भाजपा लोकल प्रत्याशी अब प्रदेश और केंद्र के शीर्ष नेताओं पर निर्भर है एक रुझान यहां भी है लोगो की राय में लाडली बहनाये चुनाव में अपना एक खासा बहुमत रख सकती हैं, उन्ही पर पूरी विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी का जोर भी नजर आ रहा है।