स्वतंत्र समय, छतरपुर
विधानसभा चुनाव में प्रमुख राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों के लिए बागी मुसीबत बने हुए हैं। इन बागियों का असर चुनावी नतीजे पर पडऩे की आशंका दोनों दलों को सता रही है और इसी बीच दोनों ही दलों ने इन बागियों को बाहर का रास्ता दिखाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही राजनीतिक दल ऐसे हैं जिनके कई बागी पार्टी के लिए मुसीबत का कारण बने हुए हैं। दोनों दलों ने पहले तो बगियों को मनाने का प्रयास किया लेकिन जब वे नहीं माने तो अब निष्कासन का रास्ता चुना है।
छतरपुर जिले में कांग्रेस ने 7 नेताओं को तो भाजपा ने 2 नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया है। सभी नेताओं को 6 साल के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया गया है। कांग्रेस ने महाराजपुर विधानसभा के बागी अजय दौलत तिवारी, निधि चतुर्वेदी, छतरपुर विधानसभा के बागी नेता डीलमणि सिंह बब्बू राजा, चंदला विधानसभा के बागी नेता पुष्पेन्द्र अहिरवार के अलावा धीरज मिश्रा, अभय तिवारी और दिनेश यादव को बाहर का रास्ता दिखाया है। तो वहीं भारतीय जनता पार्टी ने राजनगर विधानसभा के बागी नेता डॉ. घासीराम पटेल और बड़ामलहरा विधानसभा के बागी नेता करन सिंह लोधी को निष्काषित किया है। उल्लेखनीय है कि दोनों ही दलों के बागी नेता पहले अपने-अपने दलों से उम्मीदवार बनने की कोशिश करते रहे लेकिन असफल हुए तो उन्होंने सपा, बसपा सहित अन्य दलों के टिकिट पर चुनाव लडऩे का फैसला किया जिसके बाद पार्टी ने उन पर कार्यवाही की है।