छप्पर फाड़ के लाड़ली बहना वोट

स्वतंत्र समय, भोपाल

हर उस मुंह पर तमाचा पड़ गया है जिसे लगने लगा था की ‘मोदी लहर’ कमजोर पड़ गई है। इस चुनाव के बाद साबित हो गया है की ‘मोदी है तो मुमकिन है’। मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मिली इस प्रचंड जीत का सेहरा मोदी-शाह की जोड़ी के सिर बंध रहा है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में काम कठिन था क्योंकि सत्ताधारी दल के खिलाफ चुनाव लडऩा था, लेकिन मोदी-शाह का जादू इन दो राज्यों में भी चल गया। मध्यप्रदेश में भाजपा के लिए काम आसान था क्योंकि शिवराज सरकार की ‘लाडली बहना योजना’ ने महिलाओं का मन पहले से जीत लिया था। शिवराज सिंह चौहान को जनता ने ऐसा आशीर्वाद दिया है की फिर साबित हो गया…वही मध्यप्रदेश के ‘लाड़ले’ हैं। बेशक मुख्यमंत्री पद के लिए इस बार और भी दावेदार नजर आ रहे हैं, लेकिन शिवराज ही मध्य प्रदेश के सबसे बड़े नेता हैं। उनके दिल में आम आदमी के लिए प्यार है, तो जुबान पर अपराधियों के लिए ललकार है। बीते दो दशक से मामा ही निर्बल का बल और दुर्जन के लिए कहर है। इंदौर ,भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर जिले की लगभग सीटों पर कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है।