छोड़कर भागना तो सिंधिया का खानदानी रिवाज, अरुण यादव ने जन आक्रोश यात्रा के दौरान कसा तंज

स्वतंत्र समय, भोपाल

कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रदेशभर में निकाली जा रही जन आक्रोश यात्रा के तहत बुंदेलखंड अंचल में यात्रा का नेतृत्व पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव कर रहे हैं। यादव ने बुधवार को अपने बयान से एक बार फिर सियासी माहौल गर्मा दिया। यादव ने सिंधिया खानदान पर निशाना साधते हुए एक सवाल के जवाब में कहा कि छोड़कर भागना तो सिंधिया का खानदानी रिवाज है।

मीडिया से चर्चा के दौरान जब अरुण यादव से पूछा गया कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार गिराने का दोषी आप किसे मानते हैं सिंधिया को या दिग्विजय ङ्क्षसह को। तो इसके जवाब में यादव ने दगाबाज शब्द का इस्तेमाल न करते हुए कहा- सिंधिया के बारे में तो मैंने कई बार कहा है कि छोड़कर भागना तो उनका तो खानदानी रिवाज है। कोई नई बात नहीं। इनका इतिहास तो अंग्रेजों के जमाने का है। दरअसल, इन दिनों अरुण यादव कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा की अगवाई करने के लिए दमोह जिले में मौजूद हैं। कल उन्होंने बांदकपुर से इस यात्रा का शुभारंभ किया था और आज पथरिया विकासखंड में उनकी यात्रा शुरू हो रही है। इसके पहले बुधवार सुबह उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जहां उन्होंने अपनी यात्रा की जानकारी दी और भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा को लेकर कई आरोप लगाये। इसी बीच जब उनसे एक सवाल किया गया की प्रदेश की कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए वह किसे दोषी मानते हैं? दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया या फिर कोई और, इस सवाल के जवाब में यादव ने यह बात कही। अब उनके बयान के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। अरुण यादव का ये बयान सिंधिया और उनके पूरे खानदान की ओर इस बात का इशारा कर रहा है कि यह अपनों का साथ छोड़कर उन्हें धोखा देते हैं।

हमारी घोषणाओं को कॉपी पेस्ट कर रही है भाजपा सरकार

अरुण यादव ने कहा कि महिला बिल का मुद्दा हमारा है। उसे हमने उठाया था इसलिए हम उसका समर्थन कर रहे हैं। सीएम शिवराज के पास प्रदेश की जनता के लिए अब कुछ नहीं है इसलिए जब भी हम कोई घोषणा कर रहे हैं वह उसे कॉपी पेस्ट करते है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, जैसे हमने सिलेंडर के दाम कम करने की बात कही तो उन्होंने कर दिया, नारी सम्मान योजना लेकर हम आये उसे लाडली बहना योजना बनाकर वह उसे कॉपी पेस्ट कर रहे हैं। हम उनसे जानना चाहते हैं 18 साल मिले थे, तब आपको किसने रोका था। आप जो चाहे कर सकते थे, लेकिन तब कुछ नहीं किया। अब हम जानना चाहते हैं कि कितने बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिया, कितनी बहनों की सुरक्षा की ।