डेंगू कर रहा बेबस, 434 पर पहुंचा आंकड़ा

स्वतंत्र समय, इंदौर

इस बार मौसम में उतार-चढ़ाव की वजह से डेंगू का लार्वा अब तक सक्रिय है। दीपावली के बाद छोटी दिवाली भी मन चुकी है और डेंगू का डंक जानलेवा होते जा रहा है। नवंबर अंत में भी नए मरीज सामने आ रहे हैं और जिले में यह आंकड़ा बढक़र 434 हो गया है। यह पिछले साल से दुगने मरीज हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक डेंगू मरीजों के मिलने का सिलसिला बारिश से शुरू होता है, लेकिन अगर पैटर्न में बदलाव हो तो संख्या कम-ज्यादा होती है। इस बार नवंर के 22 दिनों में 48 मरीज मिल चुके हैं। 22 नवंर को 4 नए मरीज मिले हैं।

2021 में मिले थे 1200 मरीज

पिछले पांच सालों में 2021 में डेंगू के सबसे ज्यादा 1201 मरीज मिले थे। इस बार सितम्बर के आखिरी हफ्ते में बारिश का दौर खत्म हो गया, लेकिन मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है। अभी एक्टिव केस 4 हैं, जिनमें से दो पुरुष व दो महिलाएं हैं। सभी का घर पर ही इलाज चल रहा है।

अक्टूबर में 159 मरीज मिले

इस साल अक्टूबर में सबसे ज्यादा 159 डेंगू के मरीज मिले, जबकि सितम्बर में 136 मिले और अब 22 दिनों में 48 मिले हैं। ऐसा नहीं है कि हर रोज डेंगू के मरीज मिले। बीच-बीच में दो-चार दिनों का गैप भी रहा, तो कभी 5 कभी 2 तो कभी 6, 7, 9, 11 व 12 मरीज भी मिले। इस तरह सितम्बर में औसतन हर रोज 4 तो अक्टूबर में 5 मरीज मिले। नवम्बर में औसतन हर रोज 2 मरीज ट्रेस हो रहे हैं। इसके अलावा प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने वालों की संख्या अलग है।

स्वास्थ्य विभाग लार्वा नष्ट कर रहा

देपालपुर के ग्राम चांदेर और आसपास के गांवों में बुखार की सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार निरीक्षण किया जा रहा है। टीम पिछले 15 दिनों से लार्वा को नष्ट करने का कार्य कर रही है, आशा कार्यकर्ता द्वारा घर-घर सर्वे किया जा रहा है और बुखार आने पर स्वास्थ्य केन्द्र से उपचार की प्रक्रिया भी निरंतर जारी है। ग्राम पंचायत के सदस्यों, वरिष्ठजनों और सहयोगियों के साथ चर्चा की गई।

498 घरों का सर्वे किया

चांदेर में 498 घरों का सर्वे किया गया। इसमें से 12 घरों में लार्वा पाया गया। आरोदाकोट में 118 घरों का सर्वे किया गया। इसमें से तीन घरों में लार्वा पाया गया। सगड़ोद में 118 घरों का सर्वे कर आठ घरों में लार्वा पाया गया तथा कलमेर में 198 घरों का सर्वे कर छह घरों में लार्वा पाया गया। इसे समाप्त किया गया।