देपालपुर और महू विधानसभा सीटें अब त्रिकोणीय मुकाबला में फंसी

विपिन नेमा, इंदौर

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और प्रत्याशियों के भाग्य के बीच अब महज 8 दिन का समय शेष है और 3 दिसंबर को फैसला सुनाने वाली मशीन और फैसला सुनने वाले प्रत्याशी दोनों आमने-सामने होंगे। इस समय वोटिंग मशीन बेहद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच स्ट्रांग रुम में कैद है वहीं दूसरी और तमाम प्रत्याशी जीत का आर्शीवाद लेने के लिए देवी-देवताओं के दरबार में चक्कर लगा रहे है।  खेर, इस समय भाजपा-कांग्रेस दोनों ही अपनी जीत तलाशने के लिए एक-एक वोट का हिसाब-किताब करने में जुटी हुई है।

भाजपा के जिन दिग्गज प्रत्याशियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है उनमें तीन केंद्रीय मंत्री, चार सांसद , मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,  और उनके 30 मंत्री तथा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय शामिल है। इसी प्रकार मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ समेत कई प्रत्याशियों का भी राजनीतिक कैरियर दांव पर लगा हुआ है। तीन दिसम्बर को आने वाले चुनाव परिणाम से कई दिग्गज नेताओं के  राजनैतिक सफर पर या तो ब्रेक लग सकता है या फिर आगे बढ़ जाएगा। इसी प्रकार इंदौर जिले की देपालपुर और महू विधानसभा सीटों पर जोरदार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा।

शिवराज समेत 31 मंत्रियों का राजनैतिक कॅरियर दांव पर

विधानसभा चुनाव के परिणाम कई मायनों में महत्वपूर्ण होंगे। ऐसा इसलिए लिखा जा रहा है की इस बार चुनाव में दोनों पार्टियों में मिलाकर कई दिग्गज नेताओं ( प्रत्याशियों ) का राजनीतिक कैरियर दांव पर लगा हुआ है। दिल्ली से भेजे गए जिन दिग्गजों को मैदान में उतारा गया उनमें केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल, गणेश सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते, राकेश सिंह, रीति पाठक और सांसद उदय प्रताप शामिल थे। इसके अलावा पार्टी हाईकमान ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पूरी टीम को चुनावी मैदान में उतारदिया। मंत्रीमंडल में शिवराज समेत कुल 33 मंत्री है, केवल दो मंत्रियों यशोधरा राजे सिंधिया और सिंधिया समर्थक ओपीएस भदोरिया को छोडक़र 31 मंत्री मैदान में उतरे।

भाजपा-कांग्रेस ऐसे कर रही है एक-एक सीट पर मंथन

जिस तरह से सट्टा बाजार समेत अलग-अलग माध्यमों से सरकार बनाने की जो सर्वे रिपोर्ट आ रही है उसको लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही चिंतित है। कोई 136 सीट के साथ भाजपा की सरकार बन रहा है तो कोई 130 सीट कांग्रेस को दे रहा है।  सर्वे और वोटिंग परसेंटेज रिपोर्ट  के आधार पर ही दोनों प्रमुख दल अपने-अपने  से हिसाब से हर सीट पर मंथन कर रहे हैं। प्रदेश में जिन विधानसभा सीटों पर कम वोटिंग हुआ है सूची तैयार कर ली गई है। इसके अलावा यह भी देखा जा रहा है कि जिन विधानसभा सीटों पर बागी प्रत्याशी कितना नुकसान पहुंचा सकते है। इस संबंध में एक भाजपा के वरिष्ठ नेता ने बताया कि हर सीट  का मंथन इसलिए किया जा रहा है ताकि जो गलती अभी हुई हो वह गलती 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान न हो। उन्होंने यही बताया कि जिन मतदान केंद्रों पर प्रभारियों ने लापरवाही की है, उनकी सूची भी तैयार की जाएगी। अब पार्टी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट रही है।

चुनाव के दौरान प्रदेश के नेताओं की खूब हुई दिल्ली में पेशी

साल की विदाई होने से पहले मध्य प्रदेश में नई सरकार का गठन हो जाएगा। इस चुनाव  की सबसे खास बात यह रही की पूरे चुनावी अभियान के दौरान मप्र के भाजपा और कांग्रेस के नेताओं को  बैठको, चुनावी रणनीति , टिकट वितरण को लेकर कई बार दिल्ली में हाईकमान के सामने पेश होना पड़ा । इसी आधार पर प्रदेश के नेता भोपाल में क्लास लगाकर प्लान तैयार करते । भाजपा को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृहमंत्री अमित शाह , पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई केंद्रीय मंत्री प्रचार करने यहां आए। वही कांग्रेस के लिए राहुल गांधी , प्रियंका गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन प्रचार करने के लिए  प्रदेश दौरे पर आते जाते रहे। इस कारण यह बताना बेहद मुश्किल है कि इस बार किसकी सरकार बनेगी।

देपालपुर में मनोज विशाल और राजेंद्र के बीच बटे वोट

मध्य प्रदेश की 230 सीटों में इंदौर जिले की देपालपुर विधानसभा सीट ऐसी है जहां पर दो प्रत्याशी मनोज पटेल और विशाल पटेल आमने सामने है। इसी विधानसभा से तीसरे प्रत्याशी के रुप में राजेन्द्र चौधरी ने भी बड़ी ताकत के साथ चुनाव लड़ा। यहां पर सीधे सीधे त्रिकोणीय मुकाबले है। बागी प्रत्याशी चौधरी ने मनोज और विशाल के समीकरण बिगाडऩे का काम किया है। देपालपुर में सबसे ज्यादा 82 (+) परसेंटेज वोटिंग हुआ है ये वोट भाजपा के मनोज पटेल, कांग्रेस के विशाल पटेल और  बागी राजेंद्र चौधरी के बीच बट गए है। परिणाम आने पर ही पता चलेगा की बागी चौधरी के आने से किस पटेल को ज्यादा नुकसान हुआ है।  इसी प्रकार इंदौर जिले की ही महू विधानसभा की सीट भी त्रिकोणीय मुकाबले के बीच फंसी हुईं है। यहां भाजपा से उषा ठाकुर और कांग्रेस से रामकिशोर शुक्ला हैं, लेकिन कांग्रेस के पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार ने भी बागी होकर चुनाव लड़ा है।

देपालपुर विधानसभा सीट मनोज पटेल और विशाल पटेल राजेन्द्र चौधरी