धर्मसभा में शंकराचार्य ने कहा, धर्म ही असली धन है, इससे हमें सुख की प्राप्ति होती है

स्वतंत्र समय, श्रीधाम

विगत दिवस समीपवर्ती धार्मिक स्थल परमहंसी गंगा आश्रम झोतेश्वर स्थित मेला ग्राउंड में ब्रह्मलीन द्विपीठाधीश्वर जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर श्रीमद् भागवत महा पुराण कथा सुनते हुए परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमपूज्य शंकराचार्य स्वामिश्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराजजी ने अपनी अमृत मय वाणी से धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहाकि सामान्य रूप से लोगलौकिक धन अर्जित करने के प्रयत्न में ही लगे रहते हैं परन्तु असली धन धर्म ही है जिससे हमें आत्यन्तिक सुख की प्राप्ति होती है,आगे पूज्य महाराजश्री ने कहाकि लौकिक धन से हम सुख पाना चाहते हैं पर जो भी सुख हमें मिलता है वह स्थायी नहीं होता,कुछ समय के लिए तो लौकिक धन से सुख प्राप्त होता है लेकिन फिर वह कुछ ही देर में समाप्त हो जाता है पर धर्म हमें आत्यन्तिक सुख अर्थात् चिर सुखी बनाता है,इसीलिए धर्म ही असली धन है,पूज्यपाद शङ्कराचार्य जी के प्रवचन के पूर्व जगद्गुगुरुकुलम् के छात्रों ने पुराण पण्डिता श्रीमतीकुशला दुर्गेश दुबेजी के निर्देशन में “साधु की सीख”नामक नाटक का मंचन किया,मुख्य यजमान वैध बसंतकुमार दुबे श्रीमती संध्यादुबे एवं अन्य रहे,नरसिंहपुर मंगलम् कार्यक्रम को सफल बनाने वाले अनेक उत्साही धर्म प्रेमियों को परमाराध्य शङ्कराचार्यजी ने उत्तरीय व सम्मानपत्र भेंट किया चातुर्मास्य व्रत में विशेष सहयोग देने वाले श्री वैद्य कल्याणसिंह पटेल हर नारायण तिवारी महंत प्रीतमपुरीजी को मंच से चतुर्मास्य सेवा सम्मान प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानितकिया गया,ब्रह्मलीन द्विपीठाधीश्वर महाराजजी के लिए तीन पीढियों से समर्पित भाव से सेवा करने वाले श्रीहनुमान भगतजी को श्री शङ्कराचार्य सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया, वही चौरई से पधारे संगीत कलाकारों ने सुमधुर गीत प्रस्तुत किए,प्रमुख रूप से शंकराचार्यजी महाराज के निजी सचिव चातुर्मास्य समारोह समिति अध्यक्ष ब्रह्मचारी सुबुद्धानन्दजी ज्योतिष्पीठ पं.आचार्य रविशंकर शास्त्रीजी ज्योतिषपीठ शास्त्री पं.राजेन्द्रशास्त्रीजी,दंडीस्वामी श्री अम्बरीशानन्दजी महाराज पं.राजकुमार तिवारीब्रह्मचारी ब्रम्हविध्या नंदजी,आदि ने अपने अपने विचार व्यक्त किए,मंच पर प्रमुखरूप से पूज्यपाद शंकराचार्यजी महाराज की पूर्णाभिषिक्त शिष्या साध्वी पूर्णाम्बा एवं साध्वी शारदाम्बा परमहंसी गंगा आश्रम व्यवस्थापक सुंदरपांडे ब्रह्मचारी विमलानंदजी ब्रह्मचारी ध्यानानंदजी ब्रह्मचारी मुकुंदानंदजी ब्रह्मचारी परमात्मानंदजी उपस्थित रहे मंच का संयोजन श्री अरविन्दमिश्र एवं संचालन राजकुमार तिवारी ने किया इस अवसर पर पं.आनंद तिवारी अन्नूभैया जगद्गुरुकुलम् संस्कृत विद्यापीठ प्रधानाचार्य पद्मनाभर्ध द्विवेदी उप प्रधानाध्यापक शारदानंद द्विवेदीसोहन तिवारी माधवशर्मा रघुवीरप्रसाद तिवारी राजकुमार तिवारी दीपक शुक्ला अमित तिवारी पुरसोत्तम तिवाजी दीपेश दवे आशीष तिवारी राजाराम तिवारी प्रदीप पटेल राहुल जैन उमाशंकर छिरा उमेश पालीवाल मानू शर्मा श्यामनायक बद्रीचौकसे नारायण गुप्ता जगदीश पटैल कलूपटैल अरविंद पटैल अजय विश्वकर्मा रामकुमार तिवारी गोलूसाहू सत्येंद्र मेहरा कपिल नायक सहित श्रीमद भागवत पुराण में बड़ी संख्या में गुरुभक्तों व श्रद्धालु बंधुओ ने उपस्थित होकर सभी ने अमृतमई कथा का रसपान कर अपने मानव जीवन को धन्य बनाया भागवत भगवान की कथा आरती के उपरांत महाभोग प्रसाद का वितरण किया गया।