प्रदेश सरकार की चरण पादुका योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी : कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक शर्मा

स्वतंत्र समय, भोपाल

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक शर्मा ने बुधवार को मीडिया से चर्चा में मुख्यमंत्री चरण पादुका योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा योजना के तहत जूते-चप्पल पानी बोतल, छाता और साड़ी की खरीद में करोड़ों रूपयों का घोटाला हुआ है। एक छाता जो बाजार में कंपनी 140 रूपये में बेच रही है, उसके लिए 246 रूपये खरीद भाव तय की गई। बाद में विरोध होने पर रेट घटाकर 200 रूपये में खरीदा गया। उन्होंने कहा जूते-चप्पल पानी बोतल, छाता और साड़ी खरीदी प्रकरण को देखा जाये तो कम से कम 50 से 60 करोड़ रूपये का भ्रष्टाचार हुआ है। व्यापमं, सिंहस्थ, महाकाल, व्येंकटेश भगवान जैसे न जाने कितने भ्रष्टाचार तो हुये हैं, सरकार ने गरीब आदिवासी के मूल हक को भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया है।

कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक शर्मा ने कहा कि मध्य प्रदेश टंट्या भील, भीमा नायक, बादल भोई जैसे सैकड़ों स्वाभिमानी आदिवासी नायकों की पुण्य भूमि है। मध्यप्रदेश के कण-कण में इन नारों की अनुगूंज सुनाई देती है-‘‘एक तीर, एक कमान-आदिवासी एक समान’। मध्यप्रदेश को यह गौरव हासिल है कि देश के सबसे अधिक आदिवासी समाज के लोग अनादिकाल से यहां के मूल निवासी हैं। मगर 18 सालों के शिवराज राज में वे वीभत्स यातना, अमानवीय प्रताडऩा तथा आत्मा छलनी करने वाले कुकृत्यों के शिकार हैं और शिवराज इनके जिम्मेवार हैं। उन्होंने कहा कि मूत्र विर्सजन, जूते से पिटाई, पशुओं से भी बदतर खाने के लायक अनाज की सप्लाई, 3.22 लाख आदिवासियों के वनाधिकार पट्टे निरस्त करना, अनूपपुर, महू जैसी तमाम घटनाएं यहां तक कि जुलाई में आदिवासी को जूतों की माला पहनाना, अनगिनत कुकृत्य इस सरकार का आदिवासी चेहरा और चरित्र बन गया हैं। कभी विदिशा में आदिवासियों पर गोलियां दागकर आदिवासी युवक को मौत के घाट उतारा जाता है। कभी कोरोना काल के दौरान प्रदेश के आदिवासी जिलों में ऐसा अनाज बांटते हैं, जो जानवरों के खाने लायक भी नहीं।

निजी कंपनियों की मिलीभगत

शर्मा का आरोप है कि मुख्यमंत्री चरण पादुका योजना में निजी कंपनियों की मिलीभगत है। प्रदेश के 15.24 लाख तेंदुपत्ता संग्राहकों को जूते-चप्पल पानी बोतल और छाता बाटने के लिए 261 करोड़ खर्च किए गए। छाते के नाम पर 10 करोड़ का फटका लगाने महंगी दरों पर इसे खरीदा जा रहा था। रीवा-शहडोल संभाग में तेन्दूपत्ता संग्रहण मजदूरी की दर आदिवासी एवं ग्रामीणों के मध्य एक महत्वपूर्ण विषय है। मध्यप्रदेश में 2018 के पूर्व 1 मानक बोरा तेन्दूपत्ता संग्रहण के लिए 2 हजार रूपये की मजदूरी दी जाती थी, 2018 में कांग्रेस सरकार बनने के बाद मजदूरी दर को बढ़ाकर 2500 रूपये प्रति मानक बोरा किया गया, 2018-2020 के मध्य कांग्रेस सरकार के समय में 33 लाख मजदूर भाईयों को 2500 रूपये की दर से मजदूरी वितरित की गई। वहीं छत्तीसगढ़ राज्य में वर्तमान में तेन्दूपत्ता संग्रहण की दर 4 हजार रूपये मानक बोरा है।

सीडब्ल्यूसी की बैठक में नहीं हुआ हमास का जिक्र

शर्मा ने पत्रकारों से पूछे एक सवाल के जबाव में बताया कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने अपनी बैठक में हमास शब्द का प्रयोग तक नहीं किया, हमने केवल शांति की अपील की है। साथ ही उन्होंने मोदी साहब का एक पत्र भी दिखाया जिसमें वह स्वयं फिलिस्तीन के हकों की बात करते हुये अपना पक्ष रख रहे हैं।  शर्मा ने भाजपा को झूठ बोलने के आरोप में कटघरे में खड़ा किया और साथ ही यह भी कहा कि हमने अपने दो-दो प्रधानमंत्री खोए लेकिन कभी आतंकवाद से समझौता नहीं किया। भाजपा झूठे एवं भ्रामक प्रचार से बाज आये।