फ्री एक्टिंग वर्कशॉप और सेमिनार 23, 24 को, संस्था फिल्मी कैप्टंस की ओर से किया जा रहा है आयोजन

इंदौर: संस्था फिल्मी कैप्टसं की ओर से 23 और 24 सितंबर को आनंद कॉलोनी स्थित होटल सूलिन में दो दिवसीय एक्टिंग वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्कशॉप में ओएमजी-2, कमांडो-3, बैंक चोर जैसी फिल्मों में काम कर चुके हेमंत सोनी और स्पेशल-26 फिल्म, सेंटर फ्रेश, फॉग, सेबामेड आदि टीवी कमर्शियल में काम कर चुके बंटी चोपड़ा एक्टिंग एस्पिरेंट्स के सामने रूबरू होंगे और उनके साथ अपने अनुभव साझा करेंगे। इस वर्कशॉप में एक्टर और कोच आकाशदीप और विस्मय कुमार भी शिरकत करेंगे। खास बात यह है कि यह सेमिनार और वर्कशॉप पूरी तरह से फ्री है।

प्रोफेशनल देंगे ट्रेनिंग

फिल्मी कैप्टसं के गौतम शर्मा ने बताया कि इस वर्कशॉप में एक्टिंग प्रोफेशनल्स द्वारा ट्रेनिंग दी जाएगी, इसके अलावा यहां आने वाले प्रतिभागियों को इंडस्ट्री एक्सपर्ट के साथ नेटवर्किंग करने का अवसर भी मिलेगा। इसके साथ ही वर्कशॉप के दौरान कई इंगेजिंग और फन एक्टिविटी का भी आयोजन किया जाएगा, जिससे पार्टिसिपेंट्स के कॉन्फिडेंस को बूस्ट मिल सके। साथ ही सभी को ऑडिशन की तैयारी की भी ट्रेनिंग दी जाएगी।

काम पाने में करते हैं मदद

फिल्मी कैप्टसं के फाउंडर और डायरेक्टर गौतम शर्मा ने बताया कि टू टीयर सिटी से मुंबई जैसे महानगर में एक्टर बनने की चाह रखते हुए जाना बहुत मुश्किल काम है। वहां कदम रखते ही आपाको ऐसे संघर्ष का सामना करना पड़ता है जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होती है। हम अपनी संस्था के जरिए ऐसे सभी छोटे शहरों से आने वाले एक्टिंग एस्पिरेंट्स की मदद करना चाहते है। हम उन्हें वहां उनके बजट में रहने की व्यवस्था करने से लेकर, ऑडिशन में जाने के अलावा वहां कास्टिंग डायरेक्टर आदि से मिलने में मदद करते है। इसके अलावा स्ट्रगल के दिनों में जेब खर्च के लिए जॉब पाने में भी मदद करते है,जिससे की उनका खर्चा भी चलता रहे और वह अपने एक्टिंग के पैशन को को फॉलो कर सकें।

पेशेंस और कंसिस्टेंसी जरूरी

एक्टर बंटी चोपड़ा ने कहा कि मैं गाजियाबाद से मुंबई आया था। यहां आने से पहले दिल्ली में थिएटर किया था। इंडस्ट्री में धीरे-धीरे करके अपनी जगह बनाई है। नॉन फिल्मी बैकग्राउंड के कारण चैलेंज काफी ज्यादा थे। वर्षों तक रोज नई चुनौतियों का सामना किया। ऑडिशन में एंट्री करना ही अपने आप में टास्क था। इसमें सफलता हासिल हुई तो हमने ऑडिशन देना शुरू किया, फिर एक समय ऐसा आया कि हम ऑडिशन में सिलेक्ट होने लगे और काम मिलना शुरू हो गया था। मेरा पहला ब्रेक सेंटर फ्रेश का एड था। इंडस्ट्री में अपना करियर बनाने की चाह रखने वालों में पेशेंस और कंसिस्टेंसी होना जरूरी है। क्योंकि ऐसा नहीं है कि आप मुंबई पहुंचे दो दिन -तीन दिन ऑडिशन दिया और फिर आपको काम मिल गया। इन सब में वक्त लगता है।

हर प्रोफेशन की तरह एक्टिंग का भी है प्रोसेस

एक्टर हेमंत सोनी ने बताया कि मैं इंदौर का ही रहने वाला हूं और 2007 में मुंबई गया, वहां एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में जॉब करता था, वहीं पास में एक थिएटर चलता था और मेरी उन लोगों से मुलाकात हुई। उसके बाद थियेटर करना शुरू किया, फिर धीरे-धीर टीवी में काम मिला तो मेरा इंटरेस्ट बढ़ा और मैं 4 साल तक थियेटर ही करता रहा। अब तक मैं 70 से ज्यादा एड कर चुका हूं और 20-25 फिल्में और वेब सीरीज की है पर मैं अभी भी थियेटर करता हूं। मेरा मानना है कि अगर आपको एक्टर बनना है तो यह समझना होगा कि ये कोई चांस लेकर देखने वाली चीज नहीं है। दूसरे प्रोफेशनल कामों की तरह इसकी भी एक प्रोसेस है। जिसे अगर फॉलो करते रहे तो आप अच्छे एक्टर बन जाएंगे।