बिदाई समारोह में भावुक हुईं साध्वी जी, कहा- शिवपुरीवासी हमेशा हमारे दिल में रहेंगे

स्वतंत्र समय, शिवपुरी

प्रसिद्ध जैन साध्वी रमणीक कुंवर जी म.सा. ठाणा 5 जैन सतियों का शिवपुरी में पांच माह का सफल और सार्थक चातुर्मास संपन्न हुआ। आज रविवार चातुर्मासी चौदस के पश्चात जैन साधु और साध्वियों का गंतव्य स्थल से पदविहार प्रारंभ हो जाएगा। इसी कड़ी में साध्वी रमणीक कुंवर जी और उनकी सुशिष्याओं के शिवपुरी से बिदाई की बेला नजदीक आ गई है। 28 नवम्बर मंगलवार को वह शिवपुरी से विहार करेंगी और इसके पूर्व तीन दिवसीय बिदाई समारोह प्रारंभ हो गया है। बिदाई समारोह के दूसरे दिन साध्वी रमणीक कुंवर जी भावुक हो गईं और उन्होंने कहा कि बिदाई शब्द का इस्तेमाल मेरी दृष्टि में उचित नहीं है। हम भौतिक रुप से शिवपुरी से अवश्य जा रहे हैं, लेकिन शिवपुरीवासी हमेशा हमारे दिल में रहेंगे। सम्मान समारोह में उन्होंने शिवपुरी के पत्रकार बंधुओं को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान ने आपको एक अच्छे और नेक काम के लिए चुना है। पत्रकारिता का सदुपयोग दीन दुखियों और पीडि़त मानवता की सेवा में किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज और राष्ट्र निर्माण में सकारात्मक पत्रकारिता की अहम भूमिका है। चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष राजेश कोचेटा ने समारोह में कहा कि शिवपुरी में जिनवाणी का प्रसार करने में यहां के एक-एक पत्रकार ने अपने दायित्व का बखूबी निर्वहन किया है इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए उतनी कम है। इस अवसर पर चातुर्मास के दौरान बड़ी तपस्या करने वाले श्रावक श्राविकाओं और गुरुणी मैया के दर्शन लाभ और सत्संग में भाग लेने वाले बाहर से आए धर्मांवलंबियों का भी सम्मान किया गया। सम्मान समारोह के लाभार्थी मेहरचंद, विपिनचंद, राहुल, रीतेश और यश गूगलिया परिवार रहे।
समारोह में साध्वी नूतन प्रभाश्री जी ने शिवपुरी मीडिया की प्रशंसा करते हुए कहा कि पूरे पांच माह प्रत्येक समाचार पत्र ने हमारे प्रवचनों के माध्यम से जिनवाणी की प्रभावना की है। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि आपमें ईश्वर ने बिगड़े काम को सुधारने की कला दी है। आप चाहें तो सुधरे काम को बिगाड़ भी सकते हैं, लेकिन शिवपुरी के पत्रकार बंधु धन्यवाद के पात्र हैं जो अपनी ऊर्जा का सकारात्मक उपयोग कर समाज, राष्ट्र और धर्म के निर्माण में अहम भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं ईश्वर से यही कामना कर सकती हूं कि आपकी मति को हमेशा सद्बुद्धि में रखे और इस लेखनी का उपयोग आप भगवान राम, कृष्ण, महावीर, बुद्ध, कबीर, गुरुनानक देव आदि की वाणी को जन-जन तक पहुंचाने में करें। साध्वी वंदनाश्री जी ने इस अवसर पर कहा कि हमें अच्छाईयों को देखने की आदत विकसित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि हम बुरा सोचेंगे, बुरा चिंतन करेंगे तो हम भी बुरे बन जाएंगे। अच्छे बनने के लिए आवश्यक है कि हम अच्छे विचार रखें, अच्छा सोचें और अच्छी दृष्टि रखें। यदि हमारे जीवन में सकारात्मक रवैया है तो हमें हर तरफ अच्छाई देखने को मिलेगी। धर्मसभा में आचार्य हेमचंद्राचार्य जी की पुण्यतिथि और वीर लोकाशाह की जयंती पर गुणानुवाद सभा में साध्वी नूतन प्रभाश्री जी ने उनके गुणों पर विस्तार से प्रकाश डाला।

राज्य प्रतियोगिता में दिव्यांशी की सफलता पर उनका हुआ बहुमान

मात्र डेढ़ वर्ष की मेहनत में 12 वर्षीय दिव्यांशी कोचेटा ने राज्य स्तरीय टेबिल टेनिस प्रतियोगिता में कांस्य और रजत पदक प्राप्त कर अपने उज्जवल भविष्य का संदेश दिया है। बहुमुखी प्रतिभा की धनी दिव्यांशी न केवल पढ़ाई में अव्वल है, बल्कि नृत्य प्रतियोगिता में भी वह विद्यालय में अपना लोहा मनवाकर प्रथम स्थान प्राप्त कर चुकी हैं। टेबिल टेनिस में दिव्यांशी की प्रतिभा को उभारने में प्रशिक्षक सुनील नाहटा और कृतिका नाहटा का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। पत्रकार अभय कोचेटा और श्रीमती सुमिता कोचेटा की सुपुत्री दिव्यांशी की इस सफलता पर गुरुणी मैया साध्वी रमणीक कुंवर जी के निर्देशन में चातुर्मास कमेटी और स्थानकवासी जैन समाज ने धर्मसभा में उनका सम्मान किया। चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष राजेश कोचेटा और मूर्तिपूजक समाज के अध्यक्ष तेजमल सांखला ने उन्हें शील्ड प्रदान कर उनका बहुमान किया। साध्वी नूतन प्रभाश्री जी ने दिव्यांशी की सफलता के लिए उन्हें आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर प्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. संजय शर्मा का भी उनकी सेवा के लिए बहुमान किया गया।