स्वतंत्र समय, मुरैना
शहर में कोचिंग संस्थान वाले इलाकों में आए दिन हो रही घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस द्वारा बुधवार को शहर के एक सैकड़ा से अधिक कोचिंग संचालकों की बैठक आयोजित की गई और पुलिस अधिकारियों की ओर से उन्हें बिंदु समझाए गए, जिस पर उन्हें चलना है। इसके साथ ही गुरुवार से बिना आईडी कार्ड के कोचिंग संस्थान क्षेत्र में घूमने वाले छात्रों को अब सीधा कोतवाली पुलिस पकडक़र ले जाएगी और उनके परिजनों को बुलाकर हिदायत दी जाएगी।
गुरुवार की सुबह पुलिस लाइन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद ठाकुर एवं सिटी कोतवाली थाना प्रभारी सुनील खेमरिया, महिला थाना इंचार्ज डिंपल मौर्य की मौजूदगी में एक सैकड़ा से अधिक कोचिंग संस्थान संचालकों की बैठक आयोजित हुई, जिसमें अधिकारियों ने कहा कि बिना आई कार्ड के कोचिंग के बाहर या उसके घर तक छात्र एवं छात्राएं दिखाई नहीं देना चाहिए, जो भी छात्र-छात्राएं हैं, वह घर से कोचिंग तक गले में आईडी कार्ड डालकर निकलेंगे। तीन दिवस में कोचिंग संचालक सीसीटीवी कैमरे लगाएंगे। बड़ी कोचिंग वाले गेट पर सुरक्षा गार्ड तैनात करेंगे एवं पार्किंग व्यवस्था बनाएंगे द्य कोचिंग संचालक सभी छात्र-छात्राओं का फॉर्म भरेंगे और उनके नाम परिजनों के नाम तथा जिन वाहनों से वह कोचिंग आते हैं, उसका नंबर पूरी लिस्ट तैयार कर रखनी होगी एवं फॉर्म कोतवाली में जमा करना होगा द्य कोचिंग पर हाजिरी रजिस्टर रखना होगा, जिसमें लगातार 2 दिन तक कोई भी छात्र छात्रा गैर हाजिर है तो उसकी सूचना पालक के मोबाइल पर आवश्यक रूप से दी जाएगी। पालक यह बताता है कि छात्र या छात्रा लगातार कोचिंग जा रहा है तो ऐसे छात्रों को चिन्हित कर कोतवाली थाना प्रभारी को लिखित में जानकारी देनी होगी। कोचिंग सेंटर विषय के अलावा सामान्य ज्ञान आवश्यक रूप से पढ़ाएंगे, जिससे उनमें जागरूकता का संदेश जाए। कोचिंग का उद्देश्य केवल पैसा कमाना ना हो और छात्रों के भविष्य को सुधारने की बात होनी चाहिए। विशिष्ट लोगों को समय-समय पर बुलाकर उनके लेक्चर अवश्य करायें, जिससे बच्चों का भविष्य सुधारा जा सके।
पुलिस अधिकारियों ने यह भी कहा कि प्रत्येक छात्र-छात्रा कितनी कोचिंग करता है, उसकी भी जानकारी रखी जाए। कोचिंग संचालक अपने संस्थान का फर्म एंड सोसायटी ग्वालियर में रजिस्ट्रेशन रखेंगे। एक सैकड़ा से अधिक की संख्या में कोचिंग है तो दो कोचिंग संस्थान के दो जवाबदार व्यक्ति नोडल प्वाइंट के रूप में रहेंगे, जो सभी कोचिंग संचालक और पुलिस के मध्य एक ब्रिज के रूप में कार्य कर जानकारी का आदान प्रदान करेंगे।
कोचिंग संचालक बोले पुलिस करे हमारी मदद
पुलिस अधिकारियों ने तो कोचिंग संस्थान संचालकों के समक्ष अपना एजेंडा रख दिया लेकिन इसके बाद कोचिंग संचालकों ने भी अपनी बात रखी और कहा कि पुलिस हमारी मदद करे। जो कोई भी जानकारी हुआ करेगी वह पुलिस को दे देंगे लेकिन हमारा नाम गोपनीय रहेगा और हमारे कॉल पर पुलिस को अर्जेंट कार्रवाई करनी पड़ेगी, जिस पर अधिकारियों ने कोचिंग संस्थान संचालकों को आश्वासन दिया है।