मंदिर के लॉकर से दो हजार किलो चांदी चोरी

स्वतंत्र समय, इंदौर

पिपली बाजार के आदिनाथ शांतिनाथ जैन मंदिर के लॉकर और दानपेटियों से दो हजार किलो चांदी और लाखों की चोरी से मंदिर प्रबंधन सकते में है। मामला हाईकोर्ट में चलने के साथ ही इसकी चाबियां मौजूदा संरक्षक के पास है, लेकिन तब भी दिनदहाड़े चोरी की इस घटना में आरोपियों पर एक महीने बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। फरियादी के मुताबिक पुलिस के पास इसके वीडियो फुटेज भी हैं, लेकिन संबंधित पक्ष पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों के फोटो स्पष्ट हैं और यह आपसी विवाद है। कोई भी कैमरे के सामने मुंह दिखाकर चोरी नहीं करता। फरियादी जितेंद्र कुमार शेखावत ने बताया कि उन्होंने चोरी के आरोपियों का नामजद खुलासा सराफा थाने में किया था। इसमें प्रकाशचंद्र जैन, हंसराज जैन, राजकुमार सुराणा, अजय भंडारी व अन्य ने दिनदहाड़े मंदिर की दानपेटियों के ताले व लॉकर चटकाकर राशि चुरा ली थी। इसके फोटो व वीडियो प्रमाण पुलिस को सौंपे गए। घटना 16 अगस्त की बताई जा रही है और इसी दिन सराफा थाने में शिकायत दर्ज की गई।

मंदिर संचालन का चल रहा विवाद

फरियादी शेखावत ने बताया कि आरोपियों के साथ उनका आदिनाथ शांतिनाथ जैन मंदिर के संचालन को लेकर विवाद चल रहा है। निचली अदालत ने फरियादी को मंदिर का संरक्षक नियुक्त करते हुए इसकी देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी है। साथ ही उन्हें मंदिर की दानपेटियों व लॉकरों का दायित्व भी सौंपा गया था। निचली अदालत ने यह फैसला दोनों पक्षों के विवाद के बाद सुनाया था।

100 साल से परिवार कर रहा संचालित

मंदिर का संचालन शेखावत का परिवार करीब 125 साल से कर रहा है। स्वर्गीय हेमचंद शेखावत ने मंदिर संचालन का वारिस अपने भतीजे आशीष पिता जितेंद्र शेखावत को नियुक्त किया था। अब वारिसों का नाम रिकॉर्ड पर लाने के लिए हाईकोर्ट में केस चल रहा है। निचली अदालत के फैसले के आधार पर जितेंद्र कुमार शेखावत मंदिर के संरक्षक हैं।

घटना वाले दिन ये हुआ था

16 अगस्त को आरोपी पक्ष ने दिन में मंदिर की दान पेटी के साथ ही लॉकर के ताले तोड़ डाले। इसके बाद दो हजार किलो चांदी के साथ ही करीब 5 लाख रुपए की नकदी अपने साथ ले गए। 16 अगस्त को ही मंदिर संरक्षक जितेंद्र कुमार शेखावत ने सराफा थाने में केस दर्ज कराया था।

पुलिस ने दी सफाई

मामले में पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने के आरोप लग रहे हैं। इस पर थाना प्रभारी दीपक यादव का कहना है कि यह चोरी की बजाय मंदिर संचालन को लेकर विवाद है। मामला कोर्ट में चल रहा है।

अक्टूबर केस की अगली तारीख

मंदिर के वारिसों के नाम रिकॉर्ड पर लाने के लिए इस समय हाई कोर्ट में केस चल रहा है। न्यायालय ने अब मामले में सुनवाई की अगली तारीख 9 अक्टूबर नियत की है। आरोपियों को विधानसभा क्षेत्र क्रंमांक 4 के भाजपा नेताओं का संरक्षण प्राप्त है। राजनीतिक रसूख के चलते आरोपी बेखौफ हैं और मामला कोर्ट में विचाराधीन बताकर पुलिस कार्रवाई करने से बच रही है।