लंबित मांगों को लेकर पटवारी 30 दिनों से हड़ताल पर, सर्वे का काम प्रभावित, किसान लगा रहे कार्यालय के चक्कर

स्वतंत्र समय, सीहोर

विगत 28 अगस्त से जिले भर के पटवारी मप्र पटवारी संघ भोपाल के आह्वान पर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर हैं। पटवारी संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि तहसील के पटवारी  मांगों को लेकर हड़ताल पर है और जब तक मांगे पूरी नहीं होगी तब तक हड़ताल पर रहेंगे। मांगों को लेकर पटवारी जिला मुख्यालय पर लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। करीब 30 दिन से चल रही यह हड़ताल कब खत्म होगी इसके कोई पुख्ता संकेत नहीं है। प्रदेश में हड़ताल कर रहे यह पटवारी, 25 वर्षों से प्रमोशन न मिलने, ग्रेड-पे न बढऩे, समयमान वेतनमान न दिए जाने, खाली पदों पर भर्ती न कर अतिरिक्त काम कराने और उसका वेतन न देने, यात्रा-मकान भत्ता जैसे सुविधाएं नहीं बढ़ाने की वजह से खासा नाराज हैं।

उनकी इन मांगों को नहीं पूरा किया जा रहा। पटवारियों की यह हड़ताल इस वर्ष संविदा स्वास्थ्य कर्मियों व शिक्षक भर्ती परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों की हड़ताल के बाद सबसे लंबे समय तक की जाने वाली हड़ताल बन चुकी है। पटवारियों के बाद, प्रदेश के तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों ने भी काम बंद करने की चेतावनी दी थी। जिन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से मुख्यमंत्री आवास पर बुलाया गया और उनकी मांगों को सुनकर निराकरण का भरोसा दिया गया था, जिसके बाद हड़ताल स्थगित हो गई थी। इस बार ऐसा लग रहा है मानों पटवारियों व सरकार में ठन गई है। न तो सरकार मनाने के लिए सामने आ रही है और न ही पटवारी हड़ताल से वापस लौट रहे हैं।

पटवारियों की हड़ताल से आमजन को हो रहा नुकसान, सभी जरूरी काम रुके पटवारियों के हड़ताल पर जाने से किसानों के जमीन से जुड़े काम लंबित हैं।

आम आदमी भी परेशान हैं क्योंकि जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, स्थाई प्रमाण-पत्र आदि नहीं बन पा रहे हैं, इसके अलावा हजारों गरीबों के नाम राशन कार्ड सूची में नहीं जुड़ पा रहे हैं। इन सभी कामों के लिए पटवारियों की जरूरत होती है। यहां तक कि सबसे बड़ा संकट तो किसानों पर है। अगस्त महीने में इनकी फसल सूखे से प्रभावित हुई थी। बची हुई फसल सितंबर महीने में हुई तेज बारिश ने तबाह कर दी। ऐसे समय में फसलों को हुए नुकसान को दस्तावेजों में रिकार्ड करने का काम इन्हीं पटवारियों का है जो अब पिछड़ रहा है। कुछ ही दिनों में कटाई शुरू हो जाएगी। इस तरह नुकसान का सटीक आकलन नहीं होगा। वहीं जिला पटवारी संघ के अध्यक्ष संजय राठौर ने बताया कि मांगों को मनवाने चल रहा आंदोलन पटवारी संघ की मांगे हैं। जिनमें आवास, यात्रा, अतिरिक्त हल्का भत्ता बढ़ाया जाए। साथ ही विगत 25 वर्षों से पटवारी संवर्ग निरंतर अपनी मांगों के लिए आंदोलनरत है। वर्ष 2008 के पूर्व की जो स्थिति थी वहीं आज भी है। अतिरिक्त हलका भत्ता जो 500 में प्रति माह है उसे मूल वेतन का 25 प्रतिशत किया जाए। साथ ही बताया कि अन्य राज्यों की तुलना में पटवारियों का वेतन प्रदेश में काफी कम है। जब तक यह पांच प्रमुख मांगें पूर्ण नहीं होगी तब तक पटवारी हड़ताल पर रहेंगे।