शहर का मुद्दाः ट्रैफिक में हम स्मार्ट नहीं; 20 हजार ऑटो प्रेशर टाइम में थाम रहे शहर के यातायात की नब्ज

स्वतंत्र समय, इंदौर

इंदौर का यातायात बिगडऩे की कोई एक वजह नहीं है बल्कि कई हैं। इसमें यातायात के कारकों की बात करें तो तेजी से सडक़ों पर बढ़ता ऑटो का दबाव है। बताया जा रहा है कि इंदौर में हर महीने एक हजार ऑटो का बेड़ा सडक़ों पर आ रहा है। इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि प्रेशर टाइम में यह किस तरह सडक़ पर ट्रैफिक बढ़ा रहे हैं। खास तौर से इंदौर में जवाहर मार्ग, एम.जी रोड और सुभाष मार्ग पर ऑटो की वजह से खासा जाम लग रहा है। प्रेशर टाइम में यातायात के तमाम उपाय, वॉलेंटियर्स और ट्रैफिक जवान भी इसका दबाव सहन नहीं कर पाते। ऐसे में जरूरी है कि अब ऑटो के परमिट जारी करने के नियमों पर एक बार सख्ती से नियंत्रण किया जाए। हाई कोर्ट ने दो साल पहले इसके लिए व्यवस्था की थी लेकिन इस पर अमल ही नहीं हो रहा है।

पीक अवर्स में सबसे ज्यादा परेशानी

शहर में पीक ऑवर ही नहीं दिन में कई तिराहे-चौराहों पर वाहन गुत्थम गुत्था हो रहे हैं। कई बार तो ट्रैफिक की स्थिति इतनी बिगड़ जाती है कि वाहन चौराहे पर खड़े रह जाते हैं। दरअसल, शहर के प्रमुख मार्ग व बीआरटीएस चौराहे पर ट्रैफिक नियमों का पालन कराने जिम्मेदार विभाग ने आरएलवीडी सिस्टम लगाए हैं। कई ट्रैफिक पॉइंट पर पुलिसकर्मी भी तैनात हैं, इसके बाद भी कई ऐसे चौराहे हैं, जहां किसी भी समय जाम लग जाता है।

इन चौराहों पर सबसे ज्यादा फजीहत

  • यशवंत रोड चौराहा
  • ग्वालटोली चौराहा
  • छावनी चौराहा
  • भंवरकुआं चौराहा
  • इंडस्ट्री हाउस तिराहा
  • पाटनीपुरा चौराहा
  • खजराना चौराहा
  • बंगाली चौराहा
  • रेडिसन चौराहा

हाईकोर्ट के परिपालन में प्रारूप जारी पर नहीं हो रहा अमल

आरटीओ अधिकारियों के अनुसार जबलपुर उच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में परिवहन विभाग ने ऑटो रिक्शा विनियमन योजना 2021 तैयार की है। कुछ माह पहले इसका प्रारूप जारी किया गया था। सुझाव और संशोधन के बाद इसे लागू कर दिया गया है। उस समय अकेले इंदौर में जानकारी के अनुसार इंदौर में करीब 15 हजार परमिट धारी आटो हैं जबकि तीन हजार ऑटो रिक्शा अवैध रूप से चल रहे हैं। वहीं बैटरी से संचालित ऑटो रिक्शा की संख्या भी अधिक है।

यह हैे प्रमुख नए नियम

  1. परमिट के लिए सीएनजी ऑटो को प्राथमिकता दी जाएगी।
  2. किसी शहर की जनसंख्या और दूसरे लोक परिवहन के साधन को देखते हुए ई रिक्शा को किसी भी क्षेत्र या मार्ग में प्रतिबंधित किया जा सकेगा।
  3. क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार द्वारा ई रिक्शा को चलाने के लिए क्षेत्र और मार्गों का निर्धारण किया जाएगा।
  4. किसी भी शहर या ग्रामीण इलाके में जनसंख्या के आधार पर अन्य लोक परिवहन की संख्या को देखते अलग अलग परमिट दिए जाएगें।
  5. शहरी और ग्रामीण इलाके के ऑटो का कलर भी अलग होगा।
  6. ऑटो और बैटरी ऑटो में किसी प्रकार का माडिफिकेशन नहीं होगा। उसमें म्यूजिक सिस्टम नहीं लगवाए जा सकेंगे। यह होने पर उसका परमिट निरस्त कर दिया जाएगा।
  7. ऐसे आटो चालक जिनका ससाल में दो रेड लाइट जंप करने का चालान हुआ है। उनका लाइसेंस निरस्त किया जाएगा।
  8. रिक्शा में ओवरलोडिंग करने पर चालक के साथ ऑटो रिक्शा मालिक को भी उत्तरदायी माना जाएगा। उस पर एक हजार रुपए का जुर्माना किया जाएगा।
  9. यातायात नियमों का उल्लंघन करने, ओवरलोडिंग करने पर परमिट निरस्त किया जा सकेगा।