शहर का मुद्दाः राजवाड़ा अब नो ट्रैफिक जोन वक्त की सबसे बड़ी जरूरत

स्वतंत्र समय, इंदौर

इंदौर का दिल राजवाड़ा है और बाहर से आने वाले भी एक बार यहां दर्शन लाभ लेने जरूर आते हैं। यहीं बाजू में यशोदा मंदिर, गोपाल मंदिर समेत कई ऐतिहासिक मंदिर होने के साथ ही पढऩे लिखने वाले विद्यार्थियों का खजूरी बाजार से लेकर सोने-चांदी का गढ़ सराफा और रात में यह खान-पान का मशहूर ठिया है। इसके अलावा चोर बाजार, निहालपुरा और कुछ दूर पर ही बर्तन बाजार, मारोठिया व बोहरा बाजार आबाद है। एक बार यहां आने के बाद परंपरागत शॉपिंग के शौकिन इसके मोह से बाहर नहीं निकल पाते। शहर के कोने-कोने नापने वाली सिटी बसों का बाकायदा यहां स्टैंड है, ऐसे में ऐतिहासिक इमारत राजवाड़ा के क्या हाल हो रहे हैं समझदार शहरवासी समझ सकते हैं। अब समय आ गया है कि बढ़ते वाहनों के दबाव के मद्देनजर राजवाड़ा व आसपास के मार्केट प्लेस को वॉकिंग जोन यानी पैदल मार्ग किया जाए।

इस प्लान से राजवाड़ा पर ट्रैफिक की भारी भरकम एंट्री रोकी जा सकेगी। साथ ही दुकानदारों को भी खासी राहत होगी। यहां फुटपाथी दुकानदार वर्तमान में ट्रैफिक की अग्निपरीक्षा ले रहे हैं। सिटी बस के अलावा ऑटो, सिटी वैन, ई-रिक्शा के लश्कर के साथ ही गुजरते दो पहिया व चार पहिया वाहन ट्रैफिक को खतरनाक ढंग से यहां थाम लेते हैं और वाहनों की रफ्तार चींटी के माफिक हो रही है।

राजवाड़ा इस तरह बना

मल्हारराव होलकर को तीन अक्टूबर 1730 को मराठों ने उत्तर भारत के सैनिक अभियानों का नेतृत्व दिया। सैनिक अभियानों की व्यस्तता के कारण उन्होंने स्थायी निवास के लिए खासगी जागीर देने के लिए छत्रपति साहू से निवेदन किया। पेशवा बाजीराव ने सन् 1734 ई में मल्हार राव की पत्नी गौतमाबाई होल्कर के नाम खासगी जागीर तैयार करवाई, जिसमें इंदौर भी था। सन् 1747 में भव्य राजप्रसाद के निर्माण शुरू किया जो राजवाड़ा कहलाया।

त्योहारी सीजन विकट, सिटी बस रोकने पर भी लग जाता है जाम

राजवाड़ा पर त्योहारी सीजन में निकलना आसान नहीं होता। यातायात के दबाव को कम करने और स्थिति में सुधार करने के लिए यातायात प्रबंधन पुलिस ने त्योहारी सीजन के दौरान इस क्षेत्र में सिटी बसों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। लोगों और बसों में सफर करने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए बसों का रूट मृगनयनी, संजय सेतु, नंदलालपुरा, कलेक्टोरेट आदि से डायवर्ट किया गया। हालांकि इसके बावजूद जाम से मुक्ति नहीं मिली।

इस तरह अमल में ला सकते हैं ट्रैफिक प्लान…

  • सिटी बस स्टैंड राजवाड़ा की बजाय नगर निगम मुख्यालय के पास पार्किंग में सुविधाजनक ढंग से संचालित किया जा सकता है।
  • खजूरी बाजार की तरफ से आने वाले वाहनों को सुभाष टंकी वाले रास्ते की ओर डायवर्ट किया जाए ताकि नेताजी सुभाष मार्ग व इमली बाजार चौराहों की ओर ट्रैफिक बंट जाएगा।
  • खरीदारों के लिए हरसिद्धी पर ही पार्किंग बना दी जाए ताकि वाहनों का बड़ा ब्लॉकेज यहीं हो जाएगा।
  • राजवाड़ा नो ट्रैफिक जोन होते ही यशवंत रोड चौराहे पर वाहनों का दबाव कम होगा।

जाम खत्म करने की योजना पर काम

ट्रैफिक डीसीपी मनीष अग्रवाल ने बताया कि दो दिन पहले हुई मीटिंग में सभी विभागों ने अपनी बात रखी। सभी विभाग मिलकर ट्रैफिक जाम को खत्म करने के लिए योजना बना रहे हैं। पिछले दो तीन दिन से दिन से अचानक ट्रैफिक का लोड बढ़ गया है। हमने मीटिंग में इसकी समीक्षा की तो पता चला कि दीपावली की छुटिट्यां और चुनाव खत्म होने के बाद सभी बाजार पूरी तरह से खुले और लोगों की आवाजाही तेज हुई। इसके साथ सभी स्कूल, कॉलेज की बसें सडक़ों पर आ गईं। शादियों का सीजन आने से खरीदारी तेजी से बढ़ी। सभी कारण एक साथ होने से सडक़ पर ट्रैफिक का लोड बढ़ गया और जाम लगने लगा।