सीएमएचओ ने नोटिस थमाकर मांगा जवाब, ड्यूटी पर तैनात थीं चार नर्सें फिर भी ड्रिप नहीं निकाली

स्वतंत्र समय, जीरापुर

जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति बरती जा रही गंभीर अनियमितताओं का दौर थमने का नाम नही ले रहा है। प्रतिमाह शासन से हजारों रुपये की पगार ले रहे स्वास्थ्य कर्मचारी अपने कर्तव्य के प्रति कितने सजग है इसके आए दिन उदाहरण देखने को मिल रहे हैं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मामले में कडी कार्रवाई नहीं करने से लोगों को परेशनियाँ उठाना पड़ रही है।

इसी तरह की लापरवाही का मामला सिविल अस्पताल में सामने आया है जब एक 16 वर्षिय बालक की ड्रिप नही निकाली गई थी जबकि इस दौरान डूयुटी पर चार नर्से मौजूद थी जब उपस्थित चारो नर्सो ने ड्रिप नही निकाली तो वहा मौजूद एक महिला सफाई कर्मचारी ने ड्रिप निकाली जब परिजनों ने स्टाफ़ नर्सो से ड्रिप निकालने की बोला तो उन्होंने मना कर दिया था जब परिजनों इसका विरोध किया तो स्टाफ नर्सो द्वारा अभद्र व्यवहार किया गया इसकी परिजनों ने तत्काल ब्लॉक मेडीकल आफिसर डाक्टर मनोज कुमार गुप्ता जिला स्वास्थ्य एंव चिकित्सा अधिकारी, सभी स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त को अवगत कराया गया था। ड्रिप नहीं निकाले जाने का यह गंभीर मामला जिले भर में चर्चा का विषय बना हुआ है जिस पर संज्ञान लेते हुए जिला चिकित्सा अधिकारी द्वारा डुयूटी पर तैनात नर्सो  संतोष नागर, बुलबुल मेवाडे, हर्षा सेन, रीना दांगी  को नोटिस जारी करने की बात कहते हुए कहा की उनसे पूछा जायेगा की आखिर ड्रिप क्यो नही निकाली गई उनका जवाब मिलने पर ही कार्यवाही की जायेगी।

सिविल अस्पताल में आये दिन परिजनों व मरीजों के साथ अभद्र व्यवहार करने की आये दिन शिकायतें मिल रही है ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले महिला पुरुषों सहित मरिजो को परेशानी उठाना पडती है स्टाफ नर्सो द्वारा उन्हें सही जानकारी तक नही दी जाती है जब परिजनों द्वारा किसी बात को लेकर सवाल जवाब किये जाते हैं तो उनकी फटकार लगा दी जाती है कई बार तो प्रसूताओ को अस्पताल से रेफर तक कर दिया जाता है ऐसा ही एक मामला ढाई माह पहले सामने आया था जिसमें सिविल अस्पताल से रेफर करने के उपरांत झालावाड़ चिकित्सालय में महिला की नार्मल डिलिवरी की गई थी।

यह था मामला

मामला रविवार सुबह 7 बजे का है जब एक स्कूल के टूर से लौटने के बाद 16 वर्षीय गौरव राठौर को अचानक पेट दर्द उल्टी दस्त होने पर परिजन उसे सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे जहा अस्पताल में रात्रि कालीन डूयुटी डाक्टर मौजूद नहीं होने पर परिजनों ने अस्पताल में पदस्थ पूर्व बीएमओ डा विवेक दूबे को फोन लगाया जिस पर उन्होंने तत्काल बालक का उपचार करते हुए अस्पताल में एडमिट कराने के साथ ड्रिप लगाने की बात कही डा दूबे द्वारा जो ड्रिप लिखी गई थी उसमें से एक अस्पताल में उपलब्ध नही होने पर बाजार से मंगवाई गई करीब 20 मिनिट की देरी से ड्रिप लगाई गई इस दौरान रात्रि कालीन डुयूटी नर्से अपने घर चली गई व सुबह 8 बजे वाली शिफ्ट में 4 नर्सो की डुयूटी लगी हुई थी जब बालक को लगाई गई ड्रिप की दवा खत्म हो जाने पर परिजन ने मौजूद स्टाफ नर्सो से ड्रिप निकालने की बात कही तो नर्सो ने ड्रिप निकालने से इंकार करते हुए परिजन से दुर्व्यवहार किया जब इस बात का विरोध किया गया तो स्टाफ नर्स ने कहा की यह काम हमारा नहीं है आप के कहने पर क्या हम झाड़ू पौंछा लगायेगे क्या बात बढती देख वहाँ मौजूद महिला सफाई कर्मचारी ने जाकर ड्रिप व सुई निकाली थी।

क्या कहते हैं अधिकारी

ब्लाक मेडीकल आफिसर से जांच के लिए बोला था इस मामले में डुयूटी पर मौजूद नर्सो द्वारा ड्रिप नहीं निकाली गई थी शिकायत पर चार नर्सो को नोटिस जारी किया जा रहा है उनका जवाब यदि संतोष जनक नही मिलेगा तो कार्यवाही की जायेगी।

-डॉक्टर किरण वाडिया, सीएमएचओ, राजगढ़।