सुपर कॉरिडोर और एमआर 10 पर रेलवे लाइन क्रॉसिंग की अब तक नहीं मिली इजाजत

स्वतंत्र समय, इंदौर

आर्थिक राजधानी में चल रहा मेट्रो का काम अब सरकारी अनुमतियों के पेंच और प्रपंच में फंस रहा है। करीब ढाई महीने पहले सुपर कॉरिडोर और एमआर 10 के बीच रेलवे लाइन का काम पत्राचार और इजाजत में रुक गया है। यहां पर रेलवे की लाइन क्रॉस हो रही है और ट्रैक बिछाने के लिए रेलवे से अनुमति मांगी गई है। करीब ढाई महीने बाद भी अनुमति नहीं मिलने से इस सेक्शन पर काम आगे नहीं बढ़ रहा है।मेट्रो अथॉरिटी के मुताबिक 17 किलोमीटर के ट्रैक को पहले तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके चलते अब मेट्रो ट्रैक रिंग रोड पर भी बनना शुरू होगा, जिसके लिए रेडिसन चौराहा पर लॉन्चर भी लग गया है और सेगमेंट जोडऩे के साथ ट्रैक बनेगा। उम्मीद की जा रही है कि यह काम अगले महीने यानी दिसंबर में हो सकता है।

फिलहाल इस सेक्शन पर काम

अभी गांधी नगर से सुपर कॉरिडोर, एमआर-10 होते हुए विजयनगर, रेडिसन और रोबोट चौराहा तक मेट्रो के एलिवेटेड कॉरिडोर का काम चल रहा है। अभी इंदौर में मेट्रो का पहला ट्रैक 17 किलोमीटर का तैयार हो रहा है, जिस पर अगले साल से व्यावसायिक संचालन शुरू करने का भी दावा किया गया है। यानी एयरपोर्ट से लेकर रोबोट चौराहा तक मेट्रो में सफर एक साल बाद संभव हो सकेगा।

रेडिसन पर लगा लॉन्च

अभी रेडिसन चौराहा पर भी लॉन्च लग गया है और मेट्रो ट्रैक ने रिंग रोड पर टर्न ले लिया है। दोनों खंभों के बीच सेगमेंट की लॉन्चिंग शुरू होगी और मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन का कहना है कि दो-ढाई किलोमीटर के हिस्से पर ट्रैक का काम अभी बचा है। सुपर कॉरिडोर और एमआर-10 ब्रिज पर रेलवे लाइन क्रॉस हो रही है। इसके लिए रेलवे से इजाजत चाही गई है। इसके मिलने के बाद ही काम यहां आगे बढ़ेगा। ऐसे में यह काम अब दिसंबर तक बढ़ सकता है। वहीं रोबोट से पलासिया तक के एलिवेटेड कॉरिडोर के भी टेंडर बुलाए जा चुके हैं, जिसे जल्द ही मंजूरी दी जाएगी।

दावा तो यह किया था लेकिन ….

छह किलोमीटर लंबे प्रायरिटी कॉरिडोर के ट्रायल रन के बाद मेट्रो कारपोरेशन के अफसरों ने कहा था कि उनका फोकस गांधी नगर से रेडिसन होटल तक 17 किलोमीटर के हिस्से का निर्माण पूरा करने पर होगा,लेकिन विजय नगर चौराहे पर स्टेशन बनाने का काम अधूरा है। रेडिसन चौराहे पर क्रेन तो लगा दी गई, लेकिन दोनों सिरों को अभी तक नहीं जोड़ा गया है। सुपर कॉरिडोर के आठ लेन ब्रिज और एमआर-10 ब्रिज रेलवे क्रॉसिंग पर मेट्रो के ट्रैक आपस में नहीं जुड़ पाए हैं, क्योंकि इस हिस्से में काम के लिए रेल विभाग की अनुमति भी लगती है। अभी तक इस हिस्से में काम ही नहीं हो पाया है।

मेट्रो में अब तक ये खास…

  • इंदौर में 10 दिन के सबसे कम समय में मेट्रो कोच को तैयार कर प्लेटफॉर्म पर खड़ा किया जाएगा।
  • इंदौर मेट्रो को ‘दुनिया की लीडिंग टेक्निक’ (ऑटोमैटिक ग्रेड -4) के साथ डिज़ाइन किया गया है।
  • इंदौर मेट्रो रूट प्रोजेक्ट पर 12,000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत आने का अनुमान है।
  • इंदौर मेट्रो रूट के पहले फेज़ में लाइन -3 (येलो लाइन) का निर्माण शामिल है, 33.53 किमी लंबा कॉरिडोर जो शहर के चारों ओर एक रिंग बनाएगा, जो पलासिया – रेलवे स्टेशन  राजवाड़ा – हवाई अड्डे – भवरसाला को 30 स्टेशनों से जोड़ेगा। लाइन में कोठारी मार्केट से एयरपोर्ट तक छह अंडरग्राउंड स्टेशन होंगे, बाकी 24 स्टेशन एलिवेटेड होंगे।