हरदा जिला भाजपा मुक्त…! प्रदेश में भाजपा सरकार, पर जिले में पहली बार दोनों सीटों पर कांग्रेस

स्वतंत्र समय, हरदा

प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी। लेकिन जिले की दोनों सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों ने जीत अपने नाम दर्ज कराई है। भाजपा के कद्दावर नेता व कृषि मंत्री को कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ. आरके दोगने ने दोबारा हराया पहले 2013 में कृषि मंत्री कमल पटेल को वहां हार चुके थे। इस बार कोई ज्यादा अंतर नहीं रहा हर का उन्होंने 870 मतो से चुनाव जीत। टिमरनी में चाचा-भतीजे दूसरी बार आमने-सामने हुए। इसमें कांग्रेस प्रत्याशी भतीजे अभिजीत शाह ने जीत हासिल की। उन्होंने 970 बोटों से जीत हासिल की। 2018 के चुनाव में अभिजीत कम वोटो से चुनाव हारे थे। दोनों सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों को हराया।

कांग्रेस के दोनों प्रत्याशी अपने से बूथ जीते

कमल पटेल ने बूथ नंबर 107 से 345 वोट हासिल किए। दोगने को 264 वोट मिले। दोगने के बूथ क्रमांक 103 पर उनको 664 वोट मिले। कमल पटेल 220 पर ही सिमट गए। पिछली बार खिरकिया बेल्ट से कमल पटेल को मिली थी जीते लेकिन इस बार कमल पटेल को मिली हार हरदा शहर के 35 वार्डों की बात करें तो टक्कर कांटे की रही शहर से कमल पटेल को 616 वोट से हार मिली। 13 राउंड के चलते कांग्रेस ने की थी वापसी और 16 17 18 19 वा राउंड जीत जीत जिसमें उन्हें 870 वोटो से मिली जीत। 2018 में उल्टा हुआ इस बार का परिणाम।
भाजपा प्रत्याशी शुरू से चल रहे थे आगे अंतिम राउंड में मां दे गए कांग्रेस प्रत्याशी भाजपा के लीड हुई थी काम।सिराली से अंतिम राउंड में जीते, हर राउंड में भाजपा की बढ़त कम हुई टिमरनी में मतगणना में शुरू से भाजपा को बढ़त मिलती गई। नर्मदा किनारे के गांवों से लेकर टिमरनी तक के गांवों की ईवीएम खुली। इसमें शुरूआत से ही भाजपा को बढ़त मिली। इसमें सिराली क्षेत्र में बढ़ते समय हर राउंड में भाजपा प्रत्याशी की बढ़त कम होती गई। 18 में से 17 राउंड में भाजपा प्रत्याशी संजय आगे रहे। इस राउंड तक उन्हें 108 की बढ़त थी। अंतिम 18वें राउंड की पेटी खुलते ही अभिजीत समर्थकों के चहरे खिल उठे। उन्हें 2159 मत मिले। संजय को मात्र 1346 मत मिले। आखिरी राउंड में अभिजीत को 813 मत मिले। डॉक मत पत्र की गिनती के साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी ने हारी हुए चुनाव में 950 बोट से जीत दर्ज कर ली। उन्होंने तीन बार क के विधायक रहे अपने चाचा को हराया। अभिजीत सिराली से पिछली बार 70 मतों से हारे थे। इसी क्षेत्र की अंतिम ईवीएम ने उन्हें जीत का ताज पहनाया। इसी के साथ कांग्रेस समर्थकों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। 25 साल बाद टिमरनी में कांग्रेस ने जीत हासिल की।