स्वतंत्र समय, इंदौर
आखिर कांग्रेस नाराज अंतर सिंह दरबार को मनाने में कामयाब नहीं हो सकी और उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए निर्दलीय मैदान संभालने का ऐलान कर दिया है। 2 नवंबर नामांकन वापसी की अंतिम तारीख थी, ऐसे में माना जा रहा था कि कांग्रेस महू सीट पर एकजुट होकर लड़ेगी और किसी तरह दरबार को अंतिम समय में मना लिया जाएगा। हालांकि ऐसा नहीं हो सका और दरबार ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से मुक्त होने का फैसला किया व अपना त्यागपत्र सौंप दिया। वे बतौर निर्दलीय मैदान संभाल रहे हैं। ऐसे में यह भाजपा के लिहाज से लाभप्रद समीकरण बना सकता है। दरबार के मौजूदा तेवर से कांग्रेस में उनके वापसी के आसार नहीं लग रहे हैं। हालांकि चुनावी नतीजे के बाद किसकी सरकार बनती है, इस पर भी दरबार का किसी भी पार्टी की ओर रुख करना निर्भर करता है। फिलहाल तो उन्होंने निर्दलीय चुनाव लडऩे का मानस बना लिया है और यह भी ऐलान किया है कि ये चुनाव वे नहीं लड़ रहे हैं बल्कि महू की जनता चुनाव लड़ रही है।
बाइक रैली के समय ही दिखा दिए थे तेवर
महू से कांग्रेस प्रत्याशी रामकिशोर शुक्ला के टिकट फाइनल होते ही दरबार ने अपनी नाराजगी से पार्टी आलाकमान को अवगत करा दिया था। ऐसे में माना जा रहा था कि उन्हें किसी तरह कमलनाथ या दिग्गी मना लेंगे। विपरीत इसके उन्होंने समूचे महू में बाइक रैली निकालकर जनता का रुख भांगा और अंतिम तौर पर चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया।
शुक्ला के पाला बदलने से समीकरण प्रभावित
अंतर सिंह दरबार कांग्रेस के टिकट पर दो बार चुनाव हार चुके हैं। इस बार उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें महू से टिकट मिलेगा लेकिन पार्टी ने कुछ समय पहले भाजपा से कांग्रेस में आए रामकिशोर शुक्ला को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया इससे नाराज होकर अंतर सिंह दरबार ने निर्दलीय रूप से अपना फॉर्म भरा था।