अपने ही अफसर को नहीं ढूंढ़ पा रही पुलिस, हनीट्रैप होने वाले टीआई की तलाश

 स्वतंत्र समय, ग्वालियर

हाल ही के दिनों का सबसे रोचक मामला टीआई तिमेश छारी का हनीट्रैप होना और उसके बाद हनीट्रैप करने वाली युवती का उन पर रेप का मामला दर्ज कराना रहा है। जिसके बाद टीआई छारी आरोपी बन गए और उनको तत्काल निलंबित कर दिया गया।
एक महीने की दोस्ती और रंगबाजी टीआई पर भारी पड़ गई। अब दुष्कर्म के मामले में पुलिस को अपने ही अफसर की तलाश है, लेकिन वह पुलिस को नहीं मिल रहे हैं। पुलिस उसे तलाश करने की बात तो कह रही है, लेकिन थाना प्रभारी भी पुलिस के सभी पैंतरे समझते है।

ऐसे समझिए पूरा मामला

शहर के हजीरा थाना के तत्काली ञ्जढ्ढ तिमेश छारी ने पड़ाव थाना में शिकायत करते हुए बताया था कि कुछ दिन पहले उनकी फेसबुक पर एक 23 वर्षीय युवती से पहचान हुई थी। इसके बाद वह वीडियो कॉल पर बात करने लगी। कुछ दिन बाद मोबाइल कॉलिंग होने लगी। इस दौरान एक दो बार मुलाकात हुई। पर 2 नवंबर को युवती ने टीआई छारी को कॉल लगाया और बोली कि मैंने तुम्हारा वीडियो बना लिया है, जिसको मैं वायरल कर दूंगी। यदि आप चाहते हो कि मैं वीडियो वायरल नहीं करुं तो मुझे पांच लाख रुपए दे दो। उसने फूलबाग इलाके में सांई बाबा मंदिर के पास टीआई को मिलने बुलाया। टीआई छारी मंदिर के पास पहुंचे तो वहां युवती के साथ एक लडक़ी और एक लडक़ा खड़ा था। लडक़ी को सहेली और लडक़े को भाई बताते हुए युवती ने परिचय करवाया। इसके बाद टीआई ने उसे पांच लाख रुपए दिए थे। अभी दो दिन भी नहीं हुए थे कि 4 नवंबर को युवती अपनी सहेली के साथ हजीरा थाना पर आ धमकी। यहां टीआई के ऑफिस में पहुंचकर कहा कि उसे पांच लाख रुपए और चाहिए। युवती का कहना था कि पांच लाख रुपए नहीं दिए तो वह उस पर रेप का मामला दर्ज करा देगी। जिसके बाद टीआई, पड़ाव थाना पहुंचा और हनीट्रैप की शिकायत थी। पुलिस ने युवती और उसके साथियों को हिरासत में लेकर 2.40 लाख रुपए बरामद किए। पर इसके बाद युवक की शिकायत पर महिला थाने में टीआई तिमेश छारी पर बलात्कार का मामला दर्ज किया गया है।

आरोपी टीआई अभी तक पुलिस गिरफ्त में नहीं

हनीट्रैप के मामले में पुलिस ने तत्काल युवती और उसके साथियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया था, लेकिन बलात्कार के आरोपी टीआई को अभी तक पुलिस नहीं पकड़ पाई है, जबकि कोई आम इंसान होता तो पुलिस आरोपी को कब का घर से उठा लाती, लेकिन आरोपी उनके ही विभाग का है तो उसे गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। पुलिस के टीआई मिल ही नहीं रहा है।

पहले भी शर्मसार हुए हैं पुलिस वाले

  • ग्वालियर में पदस्थ रहे निरीक्षक रमेश के खिलाफ एक युवती ने शिकायत की थी कि टीआई ने उससे नजदीकी बढ़ाई और एक दिन उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था।
  • बेहट थाना स्थित डायल 100 में पदस्थ आरक्षक राघवेन्द्र सिंह एक नाबालिग छात्रा को अगवा कर ले गया और डायल 100 में उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था।
  • कंपू थाने में पदस्थ निरीक्षक केएन त्रिपाठी ने थाना स्थित कार्यालय में युवती से छेड़छाड़ की थी, जिसकी एफआईआर महिला थाने में दर्ज हुई थी। एक अन्य मामला जिसमें एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी, एक सब इंस्पेक्टर ने निरीक्षक पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। लेकिन राजीनामा हो गया और इसकी काफी बड़ी कीमत निरीक्षक को चुकानी पड़ी थी।
  • मुरार थाना के एक सब इंस्पेक्टर ने थाना में पदस्थ एक महिला आरक्षक से थाने में बने क्वार्टर में शादी का वादा कर दुष्कर्म किया। महिला की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था।