स्वतंत्र समय, उज्जैन
आगामी मकर संक्रांति त्योहार पर चाइना डोर के उपयोग पर सख्ती को लेकर प्रशासन ने एक दिसंबर से प्रतिबंध के आदेश जारी कर दिए गए हैं।चाइना मांझा बेचा तो धारा 188 में प्रकरण दर्ज कर मकान पर चलाया जाएगा बुलडोजर। वहीं चाइना डोर से पतंग उड़ाने वालों पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज होगा।
नववर्ष में मकर संक्रांति का त्योहार नगर में धूमधाम और पूर्ण हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस दौरान जहां श्रद्धालुजन देवदर्शन कर दान पुण्य कर शिप्रा में स्नान करेंगे। वहीं, शहरवासी पतंग उड़ाकर इस त्योहार को धूमधाम से मनाएंगे। पतंगबाजी के लिए वर्षों से जानलेवा चाइना डोर पर पुलिस और प्रशासन प्रतिबंध तो लगाता है, लेकिन इसके बावजूद इसका विक्रय फिर भी जारी है। इस वर्ष भी कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने एक दिसंबर को ही चाइना डोर पर प्रतिबंध के आदेश जारी कर दिए थे लेकिन पुलिस प्रशासन चाइना डोर को बेचने वालों के खिलाफ तो धारा 188 में प्रकरण दर्ज तो करेगा ही, लेकिन इस डोर से पतंग उड़ाने वालों के खिलाफ भी धारा 307 (जानलेवा हमले) की धाराओं में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि पतंगबाजी का शौक रखने वाले लोग कुछ वर्षों में चाइना डोर का अधिक उपयोग करने लगे हैं। इस कारण विक्रय लगातार बढ़ता जा रहा है, लेकिन यह डोर आम लोगों और पक्षियों के लिए घातक साबित होती है जिससे पिछले कुछ वर्षों मे कई बेकसूरों की जान भी जा चुकी है। इस वर्ष भी कलेक्टर के आदेशों का पालन करते हुए जहां इस डोर के क्रय विक्रय पर प्रतिबंध लगाने के लिए लगातार छापामार करवाई कर रही है, वहीं पुलिस प्रशासन ने चायना डोर का विक्रय करने वालों के खिलाफ धारा 188 व इस डोर से पतंग उड़ाने वालों के खिलाफ हत्या के प्रयास की धारा 307 मे प्रकरण दर्ज करने के बाद भी कही है। भारतीय दंड विधान की धारा 307 के तहत अपराधी को 10 वर्ष से लेकर अधिकतम आजीवन कारावास की सजा भी हो सकती है।
गत वर्ष बेचने वालों के तोड़े थे मकान
बता दें कि चायना डोर का विक्रय करने वालों के खिलाफ पुलिस और प्रशासन समय-समय पर कार्रवाई करता रहा है। पिछले वर्ष भी इस डोर का विक्रय करने वाले एक व्यापारी के खिलाफ कार्यवाही करते हुए उसका मकान तोड़ा गया था।
पिछले साल जगोटी की छात्रा का गला कटने पर चली गई थी जान
गत वर्ष मकर संक्रांति 15 जनवरी को चायना डोर के कारण जगोटी गांव की रहने वाली नेहा आंजना की 20 साल की लडक़ी अपने मामा के लडक़े के साथ स्कूटी से डेंटल क्लीनिक जा रही थी। तभी जीरो पाइंट ब्रिज के पास कुछ लोग पतंग उड़ा रहे थे। ब्रिज से गुजरते समय वो चायना डोर की चपेट में आ गई और उसका गला कट गया। आनन-फानन में उसे उज्जैन के अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान दूसरे दिन लडक़ी ने दम तोड़ दिया था।