स्पोर्ट्स एजेंसी
नई दिल्ली। वनडे विश्व कप के आधे से ज्यादा मुकाबले हो चुके हैं। कई टीमों ने मजबूत शुरुआत की है तो कुछ ने अब तक उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया है। 1992 में खिताब जीतने वाली पाकिस्तान की टीम अब तक अपने खेल से प्रभावित नहीं कर पाई है। उसने छह मैचों में चार गंवाए हैं। पाकिस्तान को उसके छठे मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका ने एक विकेट से हरा दिया। हालांकि, इस मैच में हार के बावजूद बाबर आजम की टीम की प्रशंसा हो रही है। उसने अफ्रीकी टीम को कड़ी टक्कर दी। पाकिस्तान के छह मैच में चार अंक हैं और अफ्रीकी टीम के खिलाफ मिली हार के बाद लोगों को ऐसा लगा कि वह सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो चुकी है। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ है। पाकिस्तान अभी भी अंतिम-4 में पहुंचने का दावेदार है। हालांकि, अब उसकी किस्मत दूसरी टीमों के हाथ में है। हम आपको यहां पाकिस्तान सहित सभी टीमों के सेमीफाइनल में पहुंचने के समीकरण को बता रहे हैं…
6 मैच में चार अंक
पाकिस्तान के छह मैच में चार अंक हैं। उसने दो मुकाबलों में जीत हासिल की है। पाकिस्तान ने नीदरलैंड और श्रीलंका को हराकर अच्छी शुरुआत की थी, लेकिन अहमदाबाद में भारत के खिलाफ मिली हार के बाद टीम दबाव में आ गई। वह उस हार के बाद अब तक वापसी ही नहीं कर पाई है। पाकिस्तान को भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, अफगानिस्तान और दक्षिण अफ्रीका ने हराया। अब उसके तीन मैच बचे हैं। सेमीफाइनल की उम्मीदों को जिंदा रखने के लिए उसे बाकी बचे तीनों मैचों में जीत हासिल करनी होगी। साथ ही यह दुआ करनी होगी कि न्यूजीलैंड को तीन मैच में एक, ऑस्ट्रेलिया को तीन मैचों में एक, अफगानिस्तान को चार मैचों में दो या श्रीलंका को चार मैचों में दो से ज्यादा जीत न मिले, लेकिन सबसे बड़ी शर्त यह है कि वह पहले अपने तीनों मैचों में जीत हासिल करे। पाकिस्तान को 31 अक्तूबर को कोलकाता में बांग्लादेश से, चार नवंबर को बंगलूरू में न्यूजीलैंड से और 11 नवंबर को कोलकाता में इंग्लैंड से खेलना है। अंक तालिका में पहले स्थान पर काबिज दक्षिण अफ्रीका की स्थिति काफी मजबूत है। उसने छह में से पांच मैच जीते हैं और उसके 10 अंक हैं। दक्षिण अफ्रीका अगर बाकी बचे तीन मुकाबलों में से दो मैच जीतता है तो वह सेमीफाइनल में पहुंच सकता है, लेकिन वह तीनों मैचों को जीतकर शीर्ष पर रहना चाहेगा। तीन में से सिर्फ एक मैच जीतने की स्थिति में भी वह सेमीफाइनल में जा सकता है, लेकिन फिर दूसरी टीमों के नतीजों पर निर्भर रहना पड़ सकता है। वहीं, तीनों मुकाबलों में हार के बाद वह बाहर हो सकता है। ऐसी परिस्थिति में भी उसे दूसरे टीमों पर नतीजों पर निर्भर रहना पड़ेगा।