बिजनेस न्यूज, नई दिल्ली
भारत में अत्यधिक अमीर यानी हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल (एचएनआई) की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस परिप्रेक्ष्य में अब एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (एएमसी) विशेष ऑफर्स के साथ निवेशकों के इस खास वर्ग में अपनी पैठ बनाना चाह रही हैं। पीएमएस उत्पाद अब खुदरा के साथ एचएनआई निवेशकों के लिए भी अच्छा बनता जा रहा है। संपत्तियों के प्रबंधन की वृद्धि के मामले में पिछले एक साल में सबसे तेजी से बढऩे वाली पीएमएस कंपनी आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी है, जिसने एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) में 90 फीसदी की धमाकेदार वृद्धि दर्ज की। वह भी तब, जब इनवेस्को, निप्पॉन लाइफ इंडिया और मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट जैसी नामी कंपनियों की संपत्ति में गिरावट रही थी। विश्लेषक का कहना है कि अगर मूल्यांकन सही नहीं है तो हम कुछ अच्छे कारोबार को छोडऩे के लिए भी तैयार होते हैं। हमारा उद्देश्य सही मूल्यांकन पर बेहतर प्रबंधन की ओर से संचालित होने वाले अच्छे बिजनेस को खरीदना है।
निवेश टीम की होती है मुख्य भूमिका
व्यापक अनुभव और उद्योग की परख रखने वाले पोर्टफोलियो मैनेजरों की देखरेख में बहुआयामी टीम निवेश प्रक्रिया को आगे बढ़ाती है। निवेश टीम यह सुनिश्चित करती है कि पोर्टफोलियो का निर्माण जोखिम समायोजित रिटर्न की क्षमता को ध्यान में रखकर किया जाए। पोर्टफोलियो मैनेजरों के साथ जोखिम, अनुपालन और प्रोडक्ट सपोर्ट के लिए एक नॉलेज टीम भी रहती है। इस प्रकार के निवेश अनुभव, रिसर्च सपोर्ट और जोखिम प्रबंधन जैसी क्षमताओं से निवेशकों के मूल्य में हमेशा इजाफा ही होता रहता है।