अशोक नगर, पोरसा थाना प्रभारी सहित 15 पर एफआईआर, पीएफ कमिश्नर की गिरफ्तारी नहीं

 स्वतंत्र समय, ग्वालियर
ग्वालियर में 9 अक्टूबर को बन्हैरी गांव के सरपंच विक्रम रात की सनसनीखेज हत्या में एक नया मोड़ आ गया है। मुख्य आरोपी पीएफ कमिश्नर मुकेश रावत के अभी तक गिरफ्तार नहीं होने और सरपंच के परिजन को धमकियां मिलने से आहत सरपंच की साली ने जान दे दी है। सरपंच की साली ने जहर खाकर आत्महत्या आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में शव का पोस्टमार्टम कराया गया। परिजन ने पोस्टमार्टम हाउस पर हंगामा किया बाहर जाम लगाया है। इस मामले में पुलिस ने मृतका की बड़ी बहन व मृतक सरपंच की पत्नी नीतू रावत की शिकायत पर पोरसा थाना प्रभारी ओपी रावत, अशोक नगर थाना प्रभारी नरेश रावत सहित 14 लोग नामजद सहित अन्य अज्ञात पर खुदकुशी के लिए उकसाने की एफआईआर दर्ज कर ली है।

धमकियां मिलने से आहत होकर जहर खा लिया था

शहर के कंपू थानाक्षेत्र स्थित चिरवाई नाका स्थित ग्रीन एवेन्यू रहने वाले बन्हैरी गांव के सरपंच विक्रम रावत की 9 अक्टूबर को पड़ाव के कांति नगर के पास गोलियों से भूनकर हत्या की गई थी। हत्या के बाद पीएफ कमिश्नर मुकेश रावत को मुख्य आरोपी बनाते हुए पुलिस ने एक दर्जन से अधिक बदमाशों पर मामला दर्ज किया था। इसमें पुलिस ने पांच आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन मुख्य आरोपी पीएफ कमिश्नर मुकेश रावत को पुलिस नहीं पकड़ पाई है। इस मामले में मृतक सरपंच की साली आरती रावत ने आरोपियों के गिरफ्तार नहीं होने और राजीनामा का दबाव डालने के लिए बार-बार धमकियां मिलने से आहत होकर जहर खा लिया था। आनन-फानन में उसे हॉस्पिटल पहुंचाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया था। सरपंच की साली की मौत की खबर सुनते ही एसएसपी सहित सभी एएसपी व कई थाना प्रभारियों के साथ ही काफी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा और रात से ही एक हजार बिस्तर अस्पताल को पुलिस छावनी बना दिया गया।

रात भर दी समझाइश, सुबह हुआ हंगामा

एक बार फिर से हंगामा और उपद्रव ना हो इसे देखते हुए रात से ही एएसपी सहित अन्य अफसर मौके पर पहुंचे और आक्रोशित परिजन को समझाइश देते नजर आए। स्थिति पर काबू रखने के लिए समाज के प्रबुद्ध लोगों को भी पुलिस ने बुलवाया और आक्रोशित परिजन को समझाइश दी। जिससे हंगामे की स्थिति न बने, लेकिन जैसे ही पोस्टमार्टम हुआ तो आरती के परिजन आक्रोशित हो गए। उन्होंने पोस्टमार्टम हाउस पर ही हंगामा कर बाहर जाम लगा दिया है। किसी तरह पुलिस ने उनको तत्काल एक्शन लेने का आश्वासन देकर समझाया है।

इन पर हुआ मामला दर्ज

पुलिस ने आरती को खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में आशोक नगर थाना प्रभारी नरेश रावत (मुकेश रावत का साला), रिश्तेदार पोरसा थाना प्रभारी ओमप्रकाश रावत के अलावा विजेन्द्र रावत, गोपाल रावत, सुर्यभान, अमित, पुष्पेन्द्र रावत, हरि उर्फ बनिया, कृष्णा रावत (एसएलआर राजस्व विभाग) पत्नी मुकेश रावत, दिलीप रावत, मुकेश रावत, रणवीर रावत, संजय व बिजेन्द्र व अन्य पर मामला दर्ज किया है।

ऐसे समझिए पूरा मामला

बन्हैरी गांव के सरपंच विक्रम रावत 9 अक्टूबर की सुबह पड़ाव कांति नगर में वकील से मिलने के लिए कार से पहुंचा था। विक्रम की चचेरे भाई की हत्या का मामले में उसी दिन सुनवाई होनी थी। अभी वह कार से उतरा था कि बाइक, एक्टिवा से आए बदमाश और पहले से वहां घात लगाकर खड़े बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाते हुए उसकी हत्या कर दी थी। सरपंच को सात गोलियां लगी थीं। सिर में चार और पीठ, सीने में तीन गोलियां लगी थीं। जून 2021 में सरपंच के भाई की आरोन थाना के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड का मुख्य गवाह सरपंच था। वही पूरे मामले को पुरजोर तरीके से उठा रहा था।