आखिर नर्सिंग कॉलेज संचालकों को नोटिस जारी कर भूल गया प्रशासन

स्वतंत्र समय, सीधी

जिले में संचालित नर्सिंग कालेज के नाम पर छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर बड़ा मामला सुर्खियों में आया था। लेकिन पांच माह बाद भी उक्त मामले को लेकर कोई भी बैधानिक कार्रवाई नही की गई। जबकि तत्कालीन तहसीलदार रवी श्रीवास्तव द्वारा घोटाले में शामिल नर्सिंग कालेज संचालकों को नोटिस भेजकर 15 दिवस के भीतर जबाव मांगा था लेकिन पांच माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी यह मामला अभी भी लटका हुआ है।
उल्लेखनीय है कि जिले में एक दर्जन की संख्या में संचालित निजी नर्सिंग कालेज संचालकों पर तत्कालीन तहसीलदार रवी श्रीवास्तव ने अनुपस्थित छात्रों की भी छात्रवृत्ति आहरित करने का आरोप लगाते हुए नोटिस जारी की थी उक्त नोटिस में शामिल संचालकों को नियम विरूद्ध तरीके से आहरित की गई राशि को निर्धारित समय के भीतर जमा करने का भी निर्देश दिया गया था। सूत्रों की माने तो एक भी नर्सिंग कालेज संचालक द्वारा उक्त राशि नही लौटाई गई है। जानकारी के अनुसार 9 अगस्त को छात्रवृत्ति की वसूली संबंधी आदेश जारी हुआ था। ट्रायवल विभाग से जो जानकारी मिली थी उसके मुताबिक अब तक एक भी संचालकों ने वसूली की राशि जमा नहीं की लिहाजा उनके खिलाफ कुर्की की कार्यवाही करने की तैयारी कर ली गई थी लेकिन यह कार्रवाई भी महज दिखावा साबित हो रही है बजह यह कि अभी तक इनके खिलाफ कुर्की तो दूर खयानत व फर्जीवाड़े पर मामला भी दर्ज नही कराया गया है। जबकि यह कुल राशि 1 करोड़ 40 लाख के करीब बताई गई है। कालेज संचालकों ने ऐसे छात्रों की छात्रवृत्ति हड़प ली गई जो परीक्षा में नहीं बैठे थे। यह मामला वर्ष 2009 से 2013 के बीच का है। पहले तो ट्राइवल विभाग ने कालेज संचालकों को नोटिस जारी किया किंतु जब कालेज संचालकों ने राशि नहीं जमा की तो यह मामला तहसीलदार न्यायालय गोपद बनास पहुंच गया जहां से करीब एक करोड़ 40 लाख रुपए की बकाया राशि कालेज संचालकों पर निकली है।

संस्थाओं को भेजे नोटिस

तत्कालीन तहसीलदार गोपद बनास द्वारा संजय सिंह संचालक कमला देवी इन्स्टीट्यूट सीधी वकाया राशि रूपए 32 लाख 96013 ज्ञानेन्द्र सिंह परिहार संचालक अमर पैरामेडिकल इन्स्टीट्यूट सीधी वकाया राशि रुपए 22 लाख 99,563 सुधांशु कुमार शर्मा संचालक अशासकीय स्वाभिमान इन्स्टीट्यूट सीधी, वकाया राशि रुपए 12 लाख 55, 583, अशासकीय सीधी इन्स्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल सीधी वकाया राशि रुपए 25 लाख 593, अशासकीय कल्चुरी पैरामेडिकल ऑफ इंस्टिट्यूट सीधी रुपए 20 लाख 18, 923, हरीश गुप्ता संचालक अशासकीय गायत्री पैरामेडिकल ऑफ इन्स्टीट्यूट सीधी रुपए 18 लाख 52,203 एवं दीपक कुमार गुप्ता संचालक अशासकीय एसआईटी पैरामेडिकल सीधी रुपए 10 लाख 36, 833 से 15 दिवस के भीतर बकाया राशि जमा करने के निर्देश जारी किये गए थे।

चार माह से चल रही जांच की प्रक्रिया

निजी नर्सिंग कालेज संचालकों द्वारा परीक्षा में अनुपस्थित छात्रों के नाम नियम विरूद्ध तरीके से आहरित की गई छात्रवृत्ति के मामले में आदिम जाति कल्याण विभाग की ओर से दायर याचिका की सुनवाई कर तत्कालीन तहसीलदार रवी श्रीवास्तव ने इस फर्जीवाड़े में शामिल सभी नर्सिंग कालेज संचालकों को नोटिस भेजकर 15 दिवस के भीतर राशि जमा करने का निर्देश दिया गया था उक्त नोटिस में इस बात का भी उल्लेख किया गया था कि अगर निर्धारित समय के भीतर नर्सिंग कालेज संचालकों द्वारा राशि नही जमा की जाती है तो इनके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई की जावेगी ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि निर्धारित समय के भीतर की बात तो दूर चार माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी इनके द्वारा राशि नही जमा की गई तो क्या प्रशासन इन पर कार्रवाई करेगा या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह कागजों में ही दफन हो जायेगा।