स्वतंत्र समय, इंदौर
विधानसभा चुनावों के बाद लागू हुई चुनावी आचार संहिता के बाद से प्रशासन और पुलिस विभाग ने अन्य विभागों के तालमेल के साथ सख्ती बढ़ा दी है। यह सख्ती चुनावों के रिजल्ट घोषित होने तक जारी रहेगी। सख्ती लागू करने की मंशा चुनावों में खड़े होने वाले उम्मीदवारों के साथ ही दलों के नेता और कार्यकर्ताओं द्वारा धन-बल प्रयोग पर लगाम लगाने की है। यह तो इस सख्ती को कई तरीकों से तोडऩे के तरीके ढूंढ लेते हैं लेकिन चुनावी दल-बल से दूर आम आदमी, व्यापारी, व्यवसायी व दुकानदारों के लिए यह डेढ़ महीने मुसीबत के होंगे। नकद रुपए ले जाने की निश्चित लिमिट इसमें सबसे मुसीबत वाली है। पकड़े जाने पर रुपयों का स्रोत बताना सबसे कठिन काम है। साथ ही उस समय नई मुसीबत खड़ी हो जाती है।
चुनावी आचार संहिता लगते ही पुलिस, प्रशासन, आरटीओ ने शहर और शहरी सीमाओं पर चेकिंग के लिए पोस्ट बना दिए हैं, जहां पर वाहनों की जांच की जा रही है। तीन दिनों में देपालपुर व सांवेर विधानसभा क्षेत्रों में 30 लाख रुपए की नकद राशि जब्त की गई। वहीं केसरबाग रोड पर 7 लाख की नकद राशि जब्ती की कार्रवाई हुई है। इन सारी कार्रवाई में किसी भी दल या प्रत्याशी से संबंधित कोई नहीं पकड़ा गया है, बल्कि कारोबारी और अन्य लेन-देन के लिए राशि ले जा रहे आम लोग ही चपेट में आए हैं। चुनाव के साथ ही यह मौसम त्योहारों का आ गया है। नवरात्रि, दशहरा, दिवाली के साथ अन्य त्योहार इस महीने में है। इंदौर जैसे व्यावसायिक शहर में चार-पांच लाख रुपए लेकर निकलना सामान्य बात है और पकड़े जाने पर इनकी मुसीबत हो जाती है।
कई बाजारों में नकदी से ही होता है काम
इंदौर शहर प्रदेश की कमर्शियल राजधानी कहा जाता है। यहां पर रियल इस्टेट के साथ-साथ रिटेल व थोक व्यापार और कारोबार का भी बड़ा केन्द्र है। कपड़ा मार्केट, सराफा, सियागंज के साथ ही बोहरा बाजार, बर्तन बाजार, किराना बाजार जैसे कई क्षेत्र है,जहां पर व्यापारी लाखों रुपए की नकदी खरीदी के लिए आते है। इसके साथ ही कई ऐसे क्षेत्र है जहां पर नकदी लेन-देन होता है। इसमें रियल इस्टेट, ठेकेदार के साथ ही अन्य उद्योग-धंधों में भी ऐसे लेनदेन सामान्य बात है। इन क्षेत्रों में इंदौर से जुड़े हुए प्रदेशभर के व्यापारी और ग्राहक आते है जो नकदी में खरीदी करते हैं। करोड़ों रुपए का लेन-देन रोजाना होता है और लाखों रुपए की नकदी भी इधर से उधर पहुंचाई जाती है।
आमजन की परेशानी को समझना जरूरी
अभी धरपकड़ और जांच-पड़ताल के चलते कारोबारी और अन्य लेन-देन के लिए दो-चार लाख रुपए भी नकद लेकर चलने वाले मुसीबत में आ गए हैं। गौतमपुरा-उज्जैन रोड पर बहिरामपुर जांच नाके पर 18 लाख 55 हजार नकद जब्त किए। वहीं सांवेर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत चिमली फाटे में स्टेटिक टीम द्वारा 12 लाख रुपए नकद बरामद किए। केसरबाग रोड पर भी 7 लाख रुपए टीम ने चैकिंग में पकड़े है। ऐसे प्रत्येक मामले में टैक्स से जुडे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को इसकी सूचना देकर आगे की कार्रवाई की जाती है। अधिकांश बार आम आदमी या व्यापारी के पास इस बात का कोई जवाब नहीं होता है कि रुपए के स्रोत की प्रमाण प्रस्तुत किए जाएं। इस प्रकार आचार संहिता के साथ तमाम समस्याएं पैदा हो जाती हैं और हो रही हैं। इस मामले में तुरंत निर्णय के अनुसार आम आदमी को पहचानना और उसकी परेशानी को समझना बहुत जरूरी है।