आदेश: डीजे व लाउडस्पीकर की विधिवत अनुमति सक्षम स्तर से लिया जाना अनिवार्य

 स्वतंत्र समय, सागर

राज्य शासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों से अवगत कराने को लेकर कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में सभी धर्मों के धर्मगुरुओं के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर दीपक आर्य ने की। बता दें किए धार्मिक स्थलों एवं अन्य स्थलों पर लाउडस्पीकर/डीजे के ध्वनि सीमा स्तर से संबंधित शासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार सभी धार्मिक स्थलों, अन्य स्थानों, धार्मिक यात्राओं, जुलूस में निर्धारित ध्वनि सीमा स्तर में ही लाउडस्पीकरों डीजे का किया जा सकेगा। कलेक्टर श्री आर्य ने कहा कि धार्मिक स्थलों पर नियमों के पालन में धर्मगुरुओं की सहभागिता बहुत महत्वपूर्ण है। सभी धर्मगुरु अपने धार्मिक स्थानों, जुलूस, शोभायात्रा आदि के संबंध में निर्धारित ध्वनि सीमा स्तर का कड़ाई से पालन करना सुनिश्चित करें। उल्लंघन पाये जाने पर नियमों के पालन संबंधी कार्यवाही समान रूप से की जायेगी। इसके अतिरिक्त निगरानी एवं कार्यवाही के लिए उडऩदस्तों का भी प्रयोग किया जायेगा। साथ ही डेसिबेल मीटर के माध्यम से ध्वनि की तीव्रता को जांचा जाएगा। कलेक्टर श्री आर्य ने बताया कि ध्वनि प्रदूषण विनियमन और नियंत्रण नियम 2000 के अनुसार अनुमत्य अधिकतम ध्वनि सीमा डेसिबल में के अन्तर्गत ध्वनि मानकों के प्रावधानों का पालन करते हुए सामान्यत: मध्यम आकार के अधिकतम 02 डीजे के प्रयोग की ही अनुमति दी जाएगी। डीजे व लाउडस्पीकर की विधिवत अनुमति सक्षम स्तर से ली जाना आवश्यक होगी। बैठक में पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने कहा कि कहा कि सभी धार्मिक स्थलों, धार्मिक यात्राओं, जुलूस में निर्धारित ध्वनि सीमा स्तर में ही लाउडस्पीकरों का उपयोग किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि निर्धारित ध्वनि सीमा स्तर का कड़ाई से पालन कराया जायेगा इसमें समझाईश के उपरांत भी यदि उल्लंघन पाया जाता है तो नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। इस कार्य हेतु उडऩदस्तों का गठन किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि हम सभी एक जागरूक समाज की तरह कार्य करते हुए आपसी सहमति और स्वप्रेरणा के साथ इस आदेश का क्रियान्वयन करें। उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम दैनिक रूप से प्रयोग में ले जाने वाले लाउडस्पीकर आदि को हटाने का कार्य शुरू करें। उन्होंने बताया कि अन्य किसी आयोजन में भी ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग इस रूप में ही किया जाए कि ध्वनि संबंधित परिसर से बाहर न जाए और तय मापदंडों के अनुरूप हो। उन्होंने जानकारी दी कि ध्वनि प्रदूषण विनियमन और नियंत्रण नियम 2000 के अनुसार इंडस्ट्रियल एरिया में दिन के समय 75 डेसीबल और रात के समय 70 डेसीबल एजबकि कमर्शियल एरिया में दिन के वक्त 65 डेसीबल और रात के वक्त 55 डेसीबल, रेसिडेंशियल एरिया में दिन के समय 55 डेसीबल और रात के वक्त 45 डेसीबल तथा साइलेंस जोन में दिन के समय 50 डेसीबल और रात के समय 40 डेसीबल सीमा तय की गई है। उक्त सीमा के अनुसार ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग किया जा सकेगा। बैठक में धर्म गुरुओं ने भी अपने सुझाव रखे तथा चर्चा के उपरांत आपसी सहमति से और स्वप्रेरणा से आदेश का पालन करने की सहमति दर्ज की।