आधुनिक रूप में दिखलाई देगा बेलाताल, दमोह को मिली सौगात, पर्यटक सुविधा स्थल बेलाताल झील का लोकार्पण

 स्वतंत्र समय, दमोह

आज हम सब का स्वप्न साकार हो रहा है नगर के मध्य बने बेलाताल प्रांगण में निर्मित यह स्थल सभी के लिये महत्वपूर्ण स्थान है, इसलिये हम सभी की जिम्मेदारी भी बड़ी हो जाती है कि हम सभी क्षेत्र को संरक्षित एवं स्वच्छ रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन करने का संकल्प लें। यह बात दमोह के केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं जलशक्ति राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने आज पर्यटक सुविधा स्थल बेलाताल झील के निर्माण कार्यो का लोकापर्ण करते हुये व्यक्त किये। कार्यक्रम में विधायक हटा पीएल तंतुवाय, सांसद प्रतिनिधि नरेन्द्र बजाज, डॉ. आलोक गोस्वामी, जनपद अध्यक्ष प्रीति कमल ठाकुर, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल, पंडित बिहारीलाल गौतम, गोपाल पटेल, रामेश्वर पं. सतीश तिवारी, चौधरी, अनुपम सौनी, नरेन्द्र व्यास, विवेक शेंडेय, नर्मदा सिंह, पुष्पा चिले, एडवोकेट अनुनय श्रीवास्तव, नरेन्द्र दुबे, एडवोकेट पंकज हर्ष श्रीवास्तव, एडवोकेट कमलेश भारद्वाज, अमर सिंह राजपूत, विक्रांत गुप्ता मंचासीन थे।

राज्यमंत्री श्री पटेल ने कहा सार्वजनिक सम्पत्तियां तभी विपत्ति में आती हैं जब नागरिक इनकी चिंता नहीं करते इसलिये हम सभी की जिम्मेदारी है कि सभी को समझाईस दें कि वह किसी प्रकार का नुकसान न करें। यह क्षेत्र व्यवसायिक न होकर कला संस्कृति का केन्द्र बने। उन्होंने कहा मेरे संपर्क में आने वाले सभी की सोच सकारात्मक थी, तभी वह मेरे साथ हैं और मैं यह वादा करता हूं, जब तक शरीर में प्राण हैं, तब तक मैं संबध निभाउंगा। उन्होने दमोह के नागरिकों का आव्हान करते हुये कहा कि दमोह आपकी जन्म भूमि है इसलिये आप यहां के कर्जदार हैं। दमोह को सुंदर और विकसित बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन करें। बदलाब होना चाहिये लेकिन गिरावट नहीं होनी चाहिये संस्कृति, इतिहास और साहित्य के क्षेत्र में दमोह का एक अलग स्थान है, यह हमारे लिये गौरव की बात है। दमोह वह क्षेत्र है जहां अंग्रेजों को दो बार हार का मुंह देखना पड़ा था।

उन्होंने ने पुरातत्व संग्रहालय में रखी अभिराम की मूर्ति को देश की दुर्लभ मूर्ति बताया। केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री पटेल ने कहा माता रूकमणी की मूर्ति की खोज एवं स्थापना तक की यात्रा में आने वाले व्यवधान एवं उनको कैसे पार किया के संबध में विस्तार से जानकारी दी। नशा मुक्ति के संबध में भी अपने विचार रखते हुये कहा कि समाज में विशेषकर युवाओं में नशा की प्रवृत्ति बढ़ रही। हम सभी को इस दिशा में करना चाहिये, क्योंकि नशा करने वाला स्वयं तो बरबाद होता है अपने परिवार और आने वाली पीढ़ी को भी बरबाद कर

देता है।