आम जन के लिए नासूर बना शहर में फैला अतिक्रमण

 स्वतंत्र समय, मुरैना

शहर के प्रमुख बाजारों में फैला जबरदस्त अतिक्रमण आम जन के लिए नासूर बन रहा है और नगर निगम प्रशासन मौन धारण किए हुए है। अतिक्रमणकारियों ने प्रत्येक बाजारों को अपनी चपेट में लेकर सार्वजनिक रास्तों को पूरी तरह जाम कर दिया है जिससे राहगीरों को निकलने में तमाम कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। पिछले कई वर्षों से शहर में अतिक्रमण विरोधी मुहिम पूरी तरह ठप पड़ी हुई हैं परिणामस्वरूप अतिक्रमणकारी हावी हो गए।
नगर निगम में अधिकारी व जन प्रतिनिधियों के बीच चल रही लड़ाई एवं शहर विकास के प्रति फैली उदासीनता अब नगर वासियों के लिए मुसीबत बनती जा रही है। शहर का ऐसा कोई बाजार व मार्ग नहीं है जहां कोई अतिक्रमण न हो। एमएस रोड, सदर बाजार, झण्डा चौक, सिकरवारी बाजार, तेलीपाड़ा, सर्राफा बाजार, पंसारी बाजार, मारकण्डेश्वर बाजार, स्टेशन रोड, छोटी बजरिया, शंकर बाजार, महादेव नाका, रुई मण्डी, महामाया मंदिर रोड, गोपीनाथ की पुलिया, गल्र्स स्कूल रोड, वेयर हाउस रोड आदि पर जबरदस्त अतिक्रमण फैला हुआ है जिसे साफ कराने की फुर्सत प्रशासन व नगर निगम को नहीं है या यूं कहें कि दबंगों से लडऩे की क्षमता प्रशासन में नहीं है।
बाजारों में अतिक्रमण करने वाले कहीं न कहीं किसी राजनैतिक दल के नेताओं से जुड़े हुए हैं तो कोई दबंगों से संबंध बनाए हुए है। अतिक्रमण विरोधी मुहिम पूर्व में कई बार चली लेकिन हर बार राजनीतिक हस्तक्षेप एवं प्रशासनिक कमजोरी के चलते यह मुहिम खानापूर्ति कर थम गई। ओवर ब्रिज चौराहे से लेकर झण्डा चौक के कॉर्नर तक सडक़ के दोनों ओर दुकानदारों ने स्वयं 20-20 फीट तक अतिक्रमण कर रखा है तो इसके बाद फुटपाथिए सडक़ पर बैठ गए हैं और रही सही कसर डिवाइडर के दोनों ओर लगने वाले हाथ ठेलों ने पूरी कर दी है। शहर के इस प्रमुख बाजार को हाथ ठेले वालों एवं वाहन चालकों ने पार्किंग व हॉकर्स जोन में तब्दील कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि प्रशासन स्तर पर हर तीन महीने में सडक़ सुरक्षा निगरानी समिति की बैठक आयोजित होती है लेकिन वह भी अब जिला कलेक्टर को सुध आ जाए तो हो जाती है अन्यथा कोई ध्यान नहीं दिया जाता। पूर्व में दर्जनों बैठकें शहर विकास व सडक़ों को लेकर हो चुकी हैं तथा इन बैठकों में अतिक्रमण हटाने सहित ठेलेवालों के लिए हॉकर्स जोन बनाने एवं शहर विकास के लिए मुद्दों पर चर्चा तो होती है लेकिन कुछ देर की बैठक में स्वल्पाहार के बाद यह मुद्दे कागज की पोटली में बंद कर दिए जाते हैं।

लोहिया बाजार के व्यापारी हुए बेशर्म

शहर के लोहिया बाजार की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। यहां लगभग 80 से 100 फुट चौड़ी सडक़ व्यापारियों की हठधर्मिता के कारण सिकुडक़र 20 फुट की रह गई है। लोहे एवं मशीनरी का कारोबार करने वाले इस बाजार के व्यापारियों द्वारा एक ओर स्थाई अतिक्रमण कर रखा है तो वहीं सुबह से देर रात तक दुकानों के बाहर 30-30 फुट तक सडक़ों पर बक्से, चद्दर, पाइप, ड्रम, सिंटेक्स की टंकी आदि को रखकर अतिक्रमण बदस्तूर जारी है। रही सही कसर ग्रामीण क्षेत्रों से ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर आने वाले ग्रामीण बीच सडक़ पर वाहन रखकर पूरी कर देते हैं ।जिससे उक्त बाजार में लोगों का निकलना दूभर हो जाता है।

वाहन पार्किंग बड़ी समस्या

शहर के एमएस रोड, स्टेशन रोड, सदर बाजार एवं कॉमर्शियल भवनों में कहीं भी वाहन पार्किंग की जगह नहीं है। जिस कारण बैंक व अशासकीय दफ्तरों में काम काज के लिए वाहनों से आने वाले लोग मुख्य मार्गों पर वाहनों को खड़ा कर कतार लगा देते हैं जिससे रास्ते अवरुद्ध हो जाते हैं और कई बार लंबा जाम भी लग जाता है। इस ओर कई बार जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराया गया है लेकिन आश्वासन के सिवाय कोई कार्रवाई नहीं की गई है।