स्वतंत्र समय, लखनऊ
30 दिसंबर 2023 को जब प्रधानमंत्री ने अयोध्या को सबसे साफ शहर के तौर पर विकसित करने की अपील की थी। पीएम की अपील के बाद रामनगरी को इंदौर की तर्ज पर साफ-सुथरा बनाने की कवायद शुरू हो चुकी है। साल 2016 में शुरू हुई स्वच्छ भारत रैंकिंग में अब तक इंदौर ही देश का सबसे साफ शहर रहा है। साल 2019 में अयोध्या में राम मंदिर बनने का रास्ता साफ होने के बाद पूरे शहर के कायाकल्प की योजना बड़े पैमाने पर तैयार हुई। योगी सरकार इसे सोलर सिटी के तौर पर विकसित कर रही है, जिससे यहां प्रदूषण न हो। इसके अलावा ग्रीन फील्ड विकसित की जा रही है। पार्क बन रहे हैं। शहर में वेंडिंग और नो वेंडिंग जोन चिह्नित किए गए हैं। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट अस्तित्व में आ चुके हैं। मंगलवार को योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या को लेकर समीक्षा बैठक की तो उन्होंने भी स्वच्छता पर ही जोर दिया था। उन्होंने जनसहयोग लेने और अतिरिक्त मैन पावर की तैनाती के निर्देश दिए हैं। कूड़ेदान रखने और लोगों को जागरूक करने को कहा है।
नो डस्ट सिटी बनेगी
अयोध्या के मेयर गिरीश पति त्रिपाठी बताते हैं कि अयोध्या को नो डस्ट सिटी के तौर विकसित किया जा रहा है। कचरे का एक भी पड़ाव घर नहीं होगा। कूड़ा जमीन के बजाए कूड़ेदान में होगा। घरों से कूड़ा उठान के अलावा वेस्ट को रीयूज और रिसाइकल करने के प्लांट लग रहे हैं। एक बार निर्माण पूरा होने के बाद स्वच्छता की सभी परियोजनाएं काम करने लगेंगी। लोगों को जागरूक करने के लिए अवधपुरी अति रुचिर बनाई अभियान चलाया जा रहा है।
क्यों इंदौर है सबसे साफ शहर?
इंदौर कचरा मुक्त शहर है। 35 लाख की आबादी वाले शहर में हर दिन 1200 टन सूखा और 700 टन गीला कचरा उठाने के लिए तकरीबन 850 गाडिय़ां इस्तेमाल होती हैं। कचरे से सीएनजी गैस बनाने के प्लांट साल 2022 में लगा। इससे 150 सिटी बसें चलाई जा रही हैं। सफाईकर्मी तीन शिफ्ट में काम करते हैं। हर आधे-एक किलोमीटर पर शौचालय की व्यवस्था है।