Seventh Cleanliness Survey In Indore : इस बार इंदौर में सातवां स्वच्छता सर्वे होना है। इसको लेकर केंद्र सरकार ने टीम को बारिश के पीक सीजन में सर्वे करने को कहा है। लेकिन इस बार इंदौर के लिए चैलेंज बड़ा और नया है। इंदौर शहर के सामने एक बड़ा चैलेंज है, जहाँ बारिश में स्वच्छता का सर्वे किया जाएगा। यह पहली बार है, जब इंदौर को शहर की रैंकिंग गिरने का खतरा है, लेकिन यह चुनौती बहुत महत्वपूर्ण है,क्योंकि शहर की तैयारी और प्रबंधन की प्रक्रिया को सुधारने का एक अवसर प्रदान कर सकती है।
आपको बता दे कि, इंदौर में स्वच्छता सर्वे 17 अगस्त के बाद से शुरू होने जा रहा हैं। नंबर कटने और रेंकिंग गिरने का डर है। अफसरों ने केंद्र सरकार के सामने अपनी समस्या रख दी है। यही नहीं, चुनावी तबादलों के कारण प्रशासन से लेकर नगर निगम के तमाम अफसर अब बदल दिए गए हैं।
नगर निगम की इससे बढ़ रही चिंता
इंदौर शहर में कई जगह फ्लायओवर, मेट्रो ब्रिज और सड़कों के कारण सड़कें, सर्विस रोड खुदे पड़े हैं। इसके कारण रास्ते डायवर्टेड हैं और मामूली बारिश में ही सड़कें तालाब बना रही है, अंडरग्राउंड ड्रेनेज लाइन ओवरफ्लो हाे जाती है।
नगर निगम कमिश्नर हर्षिका सिंह ने क्या कहा, जानें
नगर निगम कमिश्नर हर्षिका सिंह का इसपर कहना है कि,स्वच्छता को लेकर सिटी प्रोफाइल और उसके जो बिंदु हैं, उनका लगातार फॉलो अप हमारी लोकल टीम कर रही है। कर्मचारी अधिकारी लगातार फॉलो कर रहे हैं अगले 1 महीने के अंदर सर्वेक्षण का पॉइंट हमारे पास पहुंचेगा उस समय तक हमारी व्यवस्था इनक्रीज हो जाएगी। बारिश के समय स्वच्छता सर्वेक्षण पूरे देश के लिए चुनौती है। यह पहली बार है कि स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत अर्बन सर्वेक्षण बारिश के समय हो रहा है।
यह पॉइंट दिल्ली में सर्वेक्षण को लेकर जो टीम तैयार की गई है उनके समक्ष भी हमने उठाए थे। जो सर्वेक्षण के प्वाइंट्स हैं, बारिश के हिसाब से किस तरह से चीजों को देखना है। उदाहरण के लिए जैसे कहीं पर अस्थायी जल जमाव की समस्या हो रही है। तो उसे कैसे समझना है। कहां से पानी फ्लो है या स्टार्म वाटर का क्या रहता है। नदी-नाले की स्थिति अलग रहती है, क्योंकि अभी नाले आपको सूखे नहीं दिखेंगे तो इन सारी चीजों के बारे में हम लोगों ने इश्यू दिल्ली में उठाए थे। जिस टीम को फील्ड में भेजा जा रहा है, उन्हें भी इस बारे में ब्रीफ करके ही भेजा जा रहा है।