स्वतंत्र समय, भोपाल
मध्यप्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम बीते तीन दिन में तेजी से बदले हैं। एक तरफ मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री को चुनने को लेकर बीजेपी के अंदर भारी हलचल मची हुई है और इस बीच जिन सांसदों से बीजेपी ने इस्तीफें कराए हैं, अब उनको दिल्ली में स्थित सरकारी बंगलों को भी खाली करने के नोटिस मिल गए हैं। इस्तीफा देने के 24 घंटे में ही इन सांसदों को लोकसभा की आवास समिति द्वारा बंगला खाली करने के नोटिस मिल गए हैं। बीजेपी मध्यप्रदेश के सात सांसद सामान्य पूल का हिस्सा हैं। इन सात सांसदों को बीजेपी ने मप्र के विधानसभा चुनाव में उतारा था। जिनमें रीती पाठक, राकेश सिंह, राव उदय प्रताप सिंह, गणेश सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते, नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद पटेल। इनमें से फग्गन सिंह कुलस्ते और गणेश सिंह अपने चुनाव हार चुके हैं, तो वहीं रीती पाठक, राकेश सिंह, उदय प्रताप सिंह, नरेंद्र तोमर, प्रहलाद पटेल से बीजेपी ने एक दिन पहले ही इस्तीफे ले लिए थे। इस तरह से इन पांच सांसदों को दिल्ली छोडक़र वापस मप्र जाना होगा। ऐसे में इनको आवंटित किए सरकारी बंगले भी खाली करने होंगे। फर्क सिर्फ इतना है कि लोकसभा की आवास समिति ने फिलहाल रीती पाठक, राकेश सिंह, राव उदय प्रताप सिंह को बंगला खाली करने के नोटिस दिए हैं।
इनको दी अभी मोहलत
शेष तीन सांसद नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते ये मंत्री थे तो इसलिए इनको बंगले शहरी विकास मंत्रालय के माध्यम से आवंटित थे, लेकिन जल्द ही मंत्रालय से इनको भी नोटिस मिलेगा और इनको भी अपने बंगले खाली करने होंगे। वहीं सांसद गणेश सिंह के मामले में फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ है।
30 दिन का मिला समय
लोकसभा की आवास समिति द्वारा दिए गए नोटिस में बताया गया है कि इस्तीफा देने वाले सांसदों को अगले 30 दिन में बंगले खाली करने होंगे। बीजेपी सूत्रों के अनुसार पार्टी ये संदेश देना चाहती है कि नियम-कानून सिर्फ विपक्षी सांसदों के लिए नहीं है बल्कि नियम-कानून बीजेपी के सांसदों पर भी मुस्तैदी से लागू होते हैं, इसलिए नजीर पेश करने इस्तीफा देने के 24 घंटे में ही इन सांसदों को बंगले खाली करने के नोटिस भी मिल गए।