एक दिसंबर से चुनाव आयोग तय करेगा मप्र का नया मुख्य सचिव

  • 30 नवंबर को मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की दूसरी  सेवावृद्धि की अवधि हो रही है पूरी
  • वरिष्ठता से प्रभार दिया तो 1988 बैच की वीरा राणा को मिल सकता है मौका

स्वतंत्र समय, भोपाल

एक दिसंबर से मध्य प्रदेश का मुख्य सचिव कौन होगा, यह चुनाव आयोग तय करेगा। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को मिली दूसरी सेवावृद्धि की अवधि 30 नवंबर को समाप्त हो रही है। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू है इसलिए केंद्र सरकार कोई भी निर्णय करने से पहले आयोग से मार्गदर्शन लेगी कि बैंस को एक और सेवावृद्धि दी जाए या फिर वरिष्ठता के आधार पर प्रभार दिया जाएगा। यदि वरिष्ठता के हिसाब से मुख्य सचिव बनाया जाता है तो 1988 बैच की आइएएस वीरा राणा को प्रभार दिया जा सकता है

1985 बैच के इकबाल सिंह बैंस नवंबर, 2022 में सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें छह-छह माह करके दो बार सेवावृद्धि दी जा चुकी है। चूंकि, अब विधानसभा चुनाव की आचार संहिता प्रभावी है, इसलिए निर्णय बिना आयोग का मार्गदर्शन लिए नहीं हो सकता है। सूत्रों का कहना है कि मुख्य सचिव को लेकर स्थिति से अवगत कराते हुए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है। तीन दिसंबर को मतगणना होनी है, इसलिए मुख्य सचिव को लेकर निर्णय अगले सप्ताह हो सकता है। यदि बैंस को सेवावृद्धि दी भी जाती है तो यह एक माह तक के लिए होगी क्योंकि दिसंबर के पहले पखवाड़े में 16वीं विधानसभा गठित हो जाएगी। इसके पहले मुख्यमंत्री पद की शपथ भी हो जाएगी।नई सरकार अपने हिसाब से मुख्य सचिव बनाएगी, इसलिए फिलहाल प्रभार देकर भी काम चलाया जा सकता है।

इस स्थिति में जो सूची तैयार होगी, उसमें मध्य प्रदेश में पदस्थ 1988 बैच की वीरा राणा पहले स्थान पर हैं। इसके बाद 1989 बैच के मोहम्मद सुलेमान और फिर इसी बैच के विनोद कुमार का नाम आता है।