स्वतंत्र समय, पांढुर्णा
पिछले माह 28 सितंबर को नाहर गैस एजेंसी के संबंध में उपभोक्ताओं के द्वारा शिकायत की गई थी की संचालक के द्वारा उनसे नाम सुधारने (केवायसी) और कनेक्शन ट्रांसफर करने के नाम पर लाडली बहनों से लगभग 800 से 900 रूपये नियम विपरीत वसूले जा रहे हैं। शिकायत के बाद खाद्य विभाग के कनिष्ठ खाद्य पूर्ति अधिकारी जितेंद्र शिल्पी ने गैस एजेंसी में पहुंचकर पीडि़त उपभोक्ताओं के कथन लिए और आप सही पाये जाने पर एजेंसी के कर्मचारियों से उन्हें जबरन ली गई राशि वापस दिलाई।
पूरा प्रकरण कलेक्टर महोदय छिंदवाड़ा के समक्ष खाद्य विभाग के अधिकारियों ने रखा इसके बाद उनके निर्देश पर पुलिस थाना पांढुर्णा पहुंचकर नाहर एलाइड गैस एजेंसी पांढुर्ना के विरुद्ध एफआईआर 29 सितंबर को दर्ज की गई। आईपीसी की धारा 420, 418 और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 और 7 के तहत प्रकरण दर्ज हुआ था। धाराये गंभीर और गैर जमानती थी और एफआईआर भी जिला कलेक्टर मनोज पुष्प के निर्देश पर हुई थी इसके बावजूद लगभग एक माह होने को है लेकिन मामले के तीनों आरोपी अब तक फरार बताए जा रहे हैं। जबकि थाने से मात्र 200 मीटर दूर आरोपियों की गैस एजेंसी का कार्यालय है जो प्रतिदिन खुल रहा है और बकाया चल रहा है। जहां छोटे-छोटे मामलों के फरार आरोपियों के परिजनों को दिन-दिन भर थाने में बिठाकर रखने में माहिर पांढुर्णा पुलिस को आखिरकार इन करोड़पति आरोपियों को पकडऩे में सफलता क्यों नहीं मिल रही है। जबकि अभी नया जिला बनने के बाद पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में लगभग 100 के आसपास पुलिस कर्मचारी पांढुर्णा जिला मुख्यालय में मौजूद है। शासन की ओर से एफआईआर होने के बावजूद आखिरकार पांढुर्णा पुलिस क्यों मेहरबान हो रही आरोपियों पर। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मामले के तीनों आरोपी राजेंद्र नाहर , श्रेणिक नाहर और कर्मचारी नितिन देशमुख तीनों ही मामला दर्ज होने के बाद से फरार बताए जा रहे हैं और सत्र न्यायालय से लेकर हाईकोर्ट तक अग्रिम जमानत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है। और गिरफ्तारी अब तक न होने से समझा जा सकता है कि पुलिस भी आरोपियों को जमानत लेने का पूरा अवसर दे रही है। बताया जा रहा है कि मुख्य फरार आरोपी जो नागपुर में निवास करता है, वह हमेशा की तरह प्रतिदिन पांढुर्णा – नागपुर रोड पर राजना के आसपास आता है और एजेंसी के कार्यरत कर्मचारियों से दिनभर का हिसाब किताब लेकर वापस नागपुर चला जाता है। शासन की ओर से गैस एजेंसी संचालक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज होने के बावजूद जो इस हाई प्रोफाइल मामले में सामान्य व्यक्ति और रसुखदार के बीच में फर्क करते हुये जो दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है। उसकी चर्चा संपूर्ण शहर में है और इससे कहीं ना कहीं इससे पांढुर्णा पुलिस की भी छवि धूमिल हो रही है।