कंस्ट्रक्शन कंपनी के संचालक ने फ्लैट के नाम पर हड़पे 35 लाख रुपए

स्वतंत्र समय, ग्वालियर

ग्वालियर में एक व्यापारी के साथ कंस्ट्रक्शन कंपनी के संचालक ने 35 लाख रुपए की धोखाधड़ी की है। व्यापारी को फ्लैट के नाम पर ठगा गया है। दस लाख रुपए व्यापारी ने नकद दिए थे, जबकि 25 लाख रुपए फाइनेंस कराए थे। घटना विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र की है। ठगी का पता उस समय चला जब काफी समय बीतने पर भी व्यवसायी के नाम फ्लैट नहीं हुआ।
जब जानकारी जुटाईए तो पता चला कि आरोपी ने इसी फ्लैट का सौदा किसी अन्य को कर दिया है। जब पैसे वापस मांगे तो आरोपी अपने वादे से मुकर गया। जिस पर पीडि़त थाने पहुंचा और मामले की शिकायत की। पुलिस ने उनकी शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है।
महाराजपुरा स्थित डीडी नगर निवासी कौशलेन्द्र सिंह गुर्जर पुत्र भरत सिंह गुर्जर नेक्सपाथ इंफ्रा सॉल्यूसन प्राइवेट लिमिटेड में डायरेक्टर है और कुछ समय पहले उसकी मुलाकात मां पीताम्बरा कंस्ट्रक्शन कंपनी के डायरेक्टर चंद्र प्रकाश शर्मा से हुई। चंद्रप्रकाश शर्मा ने उन्हें बताया कि उनकी एक बिल्डिंग शिन्दे की छावनी पर तैयार हो रही है। जिसमें सातवीं मंजिल पर अच्छे फ्लैट हैए उसकी बातों में आकर वह फ्लैट देखने पहुंचा तो उसे लोकेशन व फ्लैट अच्छे लगे तो वह भी फ्लैट लेने के लिए तैयार हो गया। फ्लैट का सौदा 35 लाख में तय हुआ और दस लाख रुपए नकद देकर अनुबंध किया और शेष राशि फाइनेंस कराई थीए जो चंद्रप्रकाश के खाते में पहुंच गई।

रजिस्ट्री के लिए कहते तो बना देता था कोई बहाना

भुगतान होने के बाद जब उसने रजिस्ट्री के लिए दबाव बनाया तो शुरूआत से ही चंद्रप्रकाश उसे आजकल की कहकर टहलाता रहा। जब काफी परेशान हो गया तो उसने जानकारी जुटाई तो पता चला कि जिस फ्लैट का अनुबंध उसने किया हैए उसे तो चंद्रप्रकाश पहले ही सुनीता शर्मा को बेच चुका है। इसका पता चलते ही पुलिस थाने पहुंचे और मामले की शिकायत की। पुलिस ने शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है।

महिला को 17 लाख की चपत

पड़ाव थाना पुलिस ने महिला की शिकायत पर एक ठग के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज किया है। विजय नगर चेतकपुरी निवासी दीप्ती त्रिपाठी पत्नी प्रवीण त्रिपाठी ने शिकायत करते हुए बताया कि शशिभूषण सिंह तोमर उनके पारिवारिक मित्र हैं और कुछ समय पूर्व उन्हें दो फ्लैट सस्ती कीमत पर दिलाने का आश्वासन देकर क्रांति नगर में दिखाए। फ्लैट पसंद आने पर 38 लाख रुपए में सौदा तय किया और सत्रह लाख रुपए देकर अनुबंध कर लिया। इसके बाद शशिभूषण ने उनसे बातचीत करना बंद कर दिया और गायब हो गया। जब उसने जानकारी जुटाई तो पता चला कि उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं और वह फरार हो गया है। इसका पता चलते ही वह थाने पहुंची और मामले की शिकायत की। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।