स्वतंत्र समय, कटनी
चुनावी अचार सहिंता लगने के ठीक पहले मुख्यमंत्री ने कटनी जिले की बहुप्रतीक्षित मेडिकल कालेज की घोषणा कर कटनी को चुनावी लॉलीपॉप दिया । जिला अस्पताल में 200 बेड से अधिक की क्षमता का अस्पताल बन द्य कारण पूंजी पतियों के निजी मेडिकल इंस्टिट्यूट की स्थापना का सपना टूटने से बचाया जाना उनकी प्रथमिकता में शामिल था द्य सिर्फ कटनी को मेडिकल कॉलेज देने की घोषणा भाजपा शासन नहीं कर पा रहा था और आसपास के छोटे मझौले जिलों को भी मेडिकल कॉलेज की सौगात तस्तरी पर पान की तरह रखकर खिलाई जा रही थी द्य इस अंधेरगर्दी के खिलाफ जिले की जनता का आक्रोश बढ़ता ही गया जिसे भाँपकर चुनाव के एन वक्त पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपना उपेक्षा का अखंड मौन तोड़ डाला, अहंकार चूर-चूर हुआ और मेडिकल कॉलेज स्थापना का निर्णय सिद्धांतत: मंजूर हुआ। 100 एमबीबीएस सीट का मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय शासन ने लिया है और भूमि उपलब्ध कराने के लिए कलेक्टर कटनी को आयुक्त चिकित्सा शिक्षा विभाग ने पत्र लिखा है द्य भाजपा इस लुभावने तुरूप के पत्ते से जिले में फिर चुनाव की बाजी जीतने के प्रति आश्वस्त हो चुकी है तो कांग्रेस ने भी प्रतिदावा किया है कि उसके एजेंडे में पहले से शामिल हो चुके मेडिकल कॉलेज की घोषणा से ही भाजपा की हठधर्मिता आज पराजित हुई है। चिकित्सा शिक्षा आयुक्त के पत्र ने कलेक्टर को अवगत कराया है कि जिले में नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना का निर्णय सिद्धांतत: लिया जा चुका है द्य नियमानुसार जिला अस्पताल से 10 किलोमीटर दायरे के भीतर 25 एकड़ शासकीय भूमि की उपलब्धता चिन्हित कर आयुक्त कार्यालय को भेजें जिससे निर्माण एजेंसी द्वारा डी पी आर तैयार करने की कार्रवाई की जाए।
हार के डर से मौन शिव की तंद्रा टूटी
कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पर करारा तंज करते हुए कहा है कि, इतनी पुरानी वाजिब मांग को मुख्यमंत्री और सांसद बीडी शर्मा ने हमेशा हाशिए पर रखा और -देखेंगे- खोलेंगे- का जुमला हवा में उछालते रहे द्य ज़ब कांग्रेस ने उग्र आंदोलन किया लाठियाँ खाई और समाजसेवी संस्थाएं कटनी डेवलपमेंट एसोसिएशन, कटनी का विकास और संघर्ष जन अधिकार मंच तथा अन्य मंचों ने पूर्व मेयर विजेंद्र मिश्र के नेतृत्व मेडिकल कॉलेज की मांग को लेकर भोपाल से दिल्ली एक करके रख दिया , लगातार जन जागरण अभियान चलाए तो भाजपा शासन को एहसास हो गया कि निजी मेडिकल कॉलेज के लिए बिठाया गया गणित उन्हें ले डूबेगा द्य साथ ही सांसद वीडी शर्मा जो प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भी हैं उनके रहते हुए कटनी जिले का नसीब फूटी कौड़ी के लायक भी नहीं रह गया है द्य उनके ” नाम बड़े और दर्शन छोटे ” की भूमिका से जिले में खतरनाक सीमा तक जनता में असंतोष पनप चुका है द्य इन सबको देखते हुए अंतत: भाजपा ने अपने हठ -अहंकार का चूरमा बनाया और मेडिकल कॉलेज स्थापना की पहल शुरू की।
विधायक के प्रयासों पर कौन चला रहा था हथोड़े
विपक्ष और नागरिक दोनों जानते हैं कि मेडिकल कॉलेज के लिए विधायक संदीप जायसवाल भी प्रयासरत थे लेकिन उनके प्रयासों पर कौन हथोड़े बरसा रहा था यह बात भी आज जनता से छुपी नहीं है द्य निजी मेडिकल कॉलेज के लिए स्थितियाँ ऑब्जर्व करने वालों को यह पूरा विश्वास था कि जिस तरह उनके निजी स्कूलों के हित में तत्कालीन कलेक्टर ने स्वीकृत केंद्रीय स्कूल के लिए जमीन उपलब्ध न कराते हुए स्वीकृत केंद्रीय स्कूल को रद्द करवाया था ठीक उसी तरह से उनकी निजी मेडिकल कॉलेज स्थापना योजना के लिए सरकारिया मेडिकल कालेज की जनाकांक्षा को मुल्तवी रखा जाएगा।
सोशल मीडिया पर पूर्व की घोषणाओं की विश्वसनीयता का पोस्ट मार्टम
भाजपा नेताओं द्वारा पूर्व में की गई घोषणाओं की सच्चाई को परखा जा रहा हैद्य तर्को से इन्हे जनता के सामने रखा गया है और सवाल किए जा रहे हैं कि नेता जी ने इस तरह का झूठ क्यों प्रचारित किया।
कटनी में मेडिकल कॉलेज की झूठी घोषणा का पर्दाफ़ाश करते कुछ तथ्य
जारी पत्र में लिखा है भूमि अधिग्रहण कर शासन को भेजे ताकि डीपीआर तैयार की जा सके, इसका मतलब साफ है शिवराज सिंह ने 2019 में झिंझरी में झूठ बोला था, 2021 में स्वास्थ्य मंत्री ने झूठ बोला था, 2022 में सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने जनता से झूठ बोला था। यदि ये सब झूठ था तो हेल्थ मंत्री का भूमि अधिग्रहण फिर उसका निरीक्षण करना क्या था। भाजपा के इन तमाम झूठों पर जनता विश्वास नहीं करती।